अमेरिका (America) में हुए राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के साथ ही एक नाम फिर से काफी चर्चा में आ गया है, जिसे समोसा कॉकस कहा जाता है. इस समोसा कॉकस में पहले 5 लोग शामिल थे, लेकिन अब इसमें सदस्यों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है. अमेरिका की सियासत में समोसा कॉकस खूब सुर्खियां बटोर चुका है. इस शब्द की चर्चा साल 2016 में हुई थी, जब पहली बार अमेरिकी संसद में 5 भारतीय मूल के सांसद चुनकर पहुंचे थे.
इन सांसदों में सुहास सुब्रमण्यम, अमी बेरा, श्री थानेदार, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति थे, लेकिन अब एक और नाम जुड़ गया है प्रमिला जयपाल. राजा कृष्णमूर्ति भारतीय मूल के अमेरिकी नेता और हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव के सदस्य थे. उन्होंने ही समोसा कॉकस शब्द को ईजाद किया था, जिसका इस्तेमाल अमेरिकी संसद के अंदर भारतीय मूल के सांसदों और प्रतिनिधियों के समूह के संदर्भ में किया गया.
अमेरिका (America) में 33 करोड़ की कुल आबादी में करीब एक प्रतिशत हिस्सा भारतीय मूल के लोगों का है. 435 सदस्यों की अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय मूल के सांसदों की संख्या अब 6 हो गई है. जो अमेरिका के इतिहास में अब सबसे ज्यादा है. समोसा कॉकस में अब वर्जीनिया और ईस्ट कोस्ट से प्रतिनिधि सभा के लिए चुनकर आए सुहास सुब्रमण्यम यहां से जीतने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी हैं.
इसके बाद नाम आता है अमी बेरा का. अमी बेरा 2013 से कैलिफोर्निया के छठवें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं इस चुनाव में वह 7वीं बार जीतकर अमेरिकी संसद में पहुंचे हैं. इतना ही नहीं, अमेरिकी संसद में अमी बेरा सबसे वरिष्ठ भारतीय-अमेरिकी हैं. पेशे से अमी बेरा एक डॉक्टर हैं.
तीसरा नाम श्री थानेदार का है, थानेदार मिशिगन के 13वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट के लिए दूसरी बार चुने गए हैं. इस सीट पर वे 2023 से बने हुए हैं. उन्होंने 2021-23 में मिशिगन असेंबली के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है. श्री थानेदार कर्नाटक के बेलगावी के एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे.
चौथा नाम रो खन्ना का है, रो खन्ना कैलिफोर्निया के 17वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट को रिप्रजेंट करने के लिए दूसरी बार चुनाव जीते हैं. इस सीट पर वह 2017 से काबिज हैं. रो खन्ना के माता-पिता पंजाब के हैं और 1970 में अमेरिका में आकर बस गए थे.
राजा कृष्णमूर्ति को इलेनोइस के 8वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने के लिए दोबारा चुना गया है. वह इस पद पर साल 2017 से बने हुए हैं. कृष्णमूर्ति 1973 में नई दिल्ली में जन्मे और अपने परिवार के साथ इलिनोइस के पियोरिया चले गए. उनके पास प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है और हार्वर्ड से लॉ ग्रेजुएट हैं.
भारत में जन्मीं कांग्रेस महिला प्रमिला जयपाल 16 साल की उम्र में जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए उत्तरी अमेरिकी देश जाने से पहले इंडोनेशिया और सिंगापुर में रहीं. बाद में उन्होंने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री प्राप्त की.
-भारत एक्सप्रेस
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