Britain News: ब्रिटेन से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक यहां पर लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार विधि-विधान से न करा कर शवों को दफनस्थल पर यूहीं रखकर वापस लौट जा रहे हैं. ताकि कम खर्चे में ही अंतिम संस्कार किया जा सके. इसकी वजह महंगाई बताई जा रही है. इस तरह से कहा जा सकता है कि महंगाई पूरी दुनिया पर हावी है, जिससे अंतिम संस्कार तक करना महंगा हो गया है. यूरोपीय देश भी इसकी चपेट में हैं. हर चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं. यही कारण है कि यहां पर लोग पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार नहीं करवा रहे हैं.
इसको लेकर मिरर की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि वित्त समूह सनलाइफ ने अंतिम संस्कार में आने वाले खर्च पर एक रिपोर्ट तैयार की है. इससे मालूम चलता है कि अब अधिकतर लोग डायरेक्ट क्रिमिनेशन करा रहे हैं. इसका मतलब होता है कि एक ऐसा अंतिम संस्कार जिसमें परिवार का कोई भी सदस्य शामिल न हो. इस पर खर्च भी बहुत थोड़ा ही आता है. रिपोर्ट में ये बताया गया है कि 2019 में जहां सिर्फ 3 प्रतिशत लोग ही अपने मृत परिजनों का डायरेक्ट क्रिमिनेशन कराते थे तो वहीं अब यानी 2023 में यह संख्या बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई है. अंतिम संस्कार के सामानों पर भी महंगाई ने ऐसा उछाल मारा है कि अधिक से अधिक लोग अपने परिवार के लोगों को अंतिम समय में अलविदा तक नहीं कह रहे हैं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि बढ़ती महंगाई के बीच इसमें भी घोटाला होने लगा है. कई बार फ्यूनरल डायरेक्टर पैसे तो ले लेते हैं, लेकिन पूरी प्रक्रिया से अंतिम संस्कार भी नहीं करते क्योंकि वहां पर मृतक का कोई अपना मौजूद नहीं होता है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर कोई अपने परिजन का अंतिम संस्कार खुद की मौजूदगी में करवाना चाहता है, तो उसे 4.29 लाख रुपये का खर्चा उठाना पड़ रहा है. जबकि डायरेक्ट क्रिमिनेशन यानी बिना किसी की मौजूदगी में अंतिम संस्कार करवाने का खर्च केवल 1.5 लाख रुपये आ रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे फूलों और खानपान में बहुत कम खर्च होता है.
अंतिम संस्कार की महंगाई के कारण यहां पर गरीबों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. गरीबों का अंतिम संस्कार कराने वाली संस्था डाउन टू अर्थ की लिंडसे मेस ने एक बयान में कहा है कि अंतिम संस्कार में अधिक पैसा खर्च होने की वजह से लोग गरीब होते जा रहे हैं. लोगों को कर्ज लेकर अंतिम संस्कार कराना पड़ रहा है. एक सर्वे में सामने आया है कि 60 प्रतिशत लोग सस्ते फूल और सस्ता ताबूत खरीद रहे हैं. ताकि कम पैसे में अंतिम संस्कार कराया जा सके. यहां पर दो गज जमीन भी इतनी महंगी हो गई है कि लोग अपनों के अंतिम संस्कार कराने से भी डरने लगे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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