अजब-गजब

दुनिया में ऐसी 8 जगह इंसानों को जाने की नहीं है इजाजत, भारत में भी है एक, जानिए वजह

दुनिया भर में आजकल रोज अजीबोगरीब चीजें देखने को मिलती हैं. जिनपर यकीन करना बड़ा ही मुश्किल होता है. दरअसल आज हम आपको ऐसी जगहें के बारे में बताएंगे जहां पर इंसानों के जानें पर रोक लगी हैं. यह रोक संबंधित देशों की सरकारों ने ही लगाई हैं. ऐसी एक जगह तो भारत में भी स्थित है. साथ हीअन्य चार जगह और भी मौजूद हैं. तो आइए जानतें हैं इन जगहों के बारें में विस्तार से.

अमेरिका का एरिया 51

सबसे पहले हम बात करेंगे अमेरिका की जी हां अमेरिका के एरिया 51 को लेकर बहुत कहानियां चर्चिच हैं. अमरेकी वायुसेना की तरफ से गुप्त सुविधा एरिया घोषित 51 एरिया को लेकर लोग अक्सर ही चर्चा करते रहते हैं.

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आम नागरिकों का जाना प्रतिबंधित

इस क्षेत्र के बारे में बहुत बातें भी चलती रहती है. बता दें कि अमेरिकी वायुसेना के लिए तय इस जगह का अपना एक उद्देश्य है. इस जगह पर आम नागरिकों का जाना प्रतिबंधित है. यहां पर होने वाली शोध प्रक्रियों अभी भी एक रहस्य बनी हुई हैं.

1955 में सरकार ने कर लिया था अधिग्रहण

बता दें कि एरिया-51 अमरिका के लास वेगस से करीब 133 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां पर वायुसेना की ट्रेनिंग और टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है. इस एरिया में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए है. अमेरिकी सरकार ने इस एरिया को 1955 में अपने अधिग्रहण में ले लिया था. कहा जाता है कि इस एरिया में हथियारों का परीक्षण और एयरोप्लेन की की ट्रेनिंग होती है.

दुनिया का सबसे बड़ा बीजों का भंड़ार

उत्तरी ध्रुव और नार्वे के बीच बसा स्वालबार्ड आर्किपेलागो पर दुनिया का सबसे बड़ा बीजों का भंड़ार है. इस बीज भंड़ार को दस साल बाद खोला गया था. इसमें भारत सहित दुनिया के विभिन्न देशों ने बीज जमा किए थे. बता दें इतने बीज जमा करने का उद्देश्य है कि जलवायु परिवर्तन से निर्मित खाद्य संकट से आसानी से निपटा जा सके.

रख रखाव में 90 लाख डॉलर है खर्च

वैज्ञानिकों द्वारा 25 करोड़ फसलों के बीजों और प्रजातियों को बचाना है. इन्हें पूरी दुनिया से लाकर यहाँ सुरक्षित रखा गया है. इनकी सुरक्षा और रख रखाव में 90 लाख डॉलर खर्च होते हैं. इस जगह पर आम लोगों का जाना प्रतिंबधित है.

सेंटिनल द्वीप

सेंटिनल द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित एक छोटा से द्वीप है. यह दक्षिण अंडमान जिले में आता है. लेकिन यहां पर जानें को किसी भी व्यक्ति को परमिशन नहीं है. दरअसल इस द्वीप पर पाबंदी की वजह है जनजाति जिसका बाहरी दुनिया से कोई लेना देना नहीं है. इस द्वीप पर करीब 60 हजार लोग रहते है. आज भी इस द्वीप पर रहने वाले लोगों खान-पान और रहने के तरीका आज भी एक रहस्य बना हुआ है.

चेरनोबिल अपवर्जन

युक्रेन तो वर्तमान समय में युद्ध को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है. लेकिन युक्रेन में ही चेरनोबिल अपवर्जन एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर आम लोगों की आवाजाही पर रोक है. सन् 1986 में परमाणु आपदा से यह क्षेत्र तभी से बैन है. यहां पर लंबे समय तक विकिरण की वजह से पदूषित होने से लोगों के जाने पर पाबंदी लगाई गई है. बता दें कि ऐसे ही पिपरियात का भयानक भूतिया शहर और निर्जन रिएक्टर आपदा के विनाशकारी असर की याद दिलाते हैं.

स्नेक आइलैंड

ब्राजील देश के समुद्री इलाके में स्थित एक छोसा भूभाग जिसे स्नेक आइलैंड के नाम भी जाना जाता है. इस आईलैंड का स्नेक आईलैंड नाम होने के पीछे भी एक स्पष्ट कारण है. दरअसल, इस आईलैंड पर बहुत से जरहीले सांपों का बसेरा है. बड़ी संख्या में मौजूद सांपों की वजह से यह आम लोगों के लिए आने-जाने के लिए खतरनाक है. ब्राजील सरकार ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस आईलैंड पर जाने पर रोक लगा रखी है.

निहारिका गुप्ता

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