दुनिया में ऐसे बहुत से गांव हैं, जो किसी न किसी वजह से मशहूर हैं. इन गांवों के बारे में जब आप जानेंगे तो हैरान हुए बिना नहीं रहेंगे. ऐसे में आज हम बिहार के एक गांव की कहानी के बारे में बताएंगे, जहां पता बताते ही शादी के लिए आए रिश्तेदार भाग जाते हैं और शाम को फोन पर आता है मैसेज की रिश्ता नहीं हो पाएगा. वहीं गांव के लोगों का कहना है कि यहां लड़का और लड़की की शादियां नहीं हो पाती हैं. जानें आखिर ऐसा क्यों है?
बिहार में बेगूसराय जिला मुख्यालय से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर मटिहानी प्रखंड के बलहपुर पंचायत में 350 से ज्यादा परिवार रहते हैं. गंगा किनारे बसे होने की वजह से 1992 में ही इस गांव का अस्तित्व गंगा के कटाव की वजह से समाप्त होता चला गया. आज पूरे गांव की आबादी मटिहानी लखमिनिया बांध पर आ बसी है. स्थानीय कई लोगों ने बताया कि 1992 से ही हम लोगों के पास ना खाने का ठिकाना और न रहने के लिए घर है. इस वजह से यहां अगर गलती से कोई रिश्ता लेकर आ भी जाता है, तो रिश्तेदारों को नाश्ता करवाने के बाद शाम को फोन पर मैसेज आ जाता है कि हम आपके यहां रिश्ता नहीं करेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गांव की उमावती देवी ने बताया कि मेरा 30 साल का लड़का है. शादी के लिए कोई लड़की वाले तैयार नहीं होती है. रामसुंदर पंडित ने बताया कि रिश्ते के लिए लोग आते हैं, तो तीन चार हजार तक खर्च भी इस उम्मीद में करते हैं कि रिश्ता फाइनल हो जाएगा. लेकिन देर शाम मैसेज भेजते हैं कि आपके यहां रिश्ता नहीं करेंगे. सुमित्रा देवी ने बताया कि 25 साल से लेकर 30 साल तक के लड़के-लड़की दोनों अब तक कुंवारे हैं. यहां के लोगों का कहना है कि जहां न ठहराता है लोटा, वहां कैसे रहेगी दुल्हन. इस गांव के रहने वाले राजेश साह ने बताया कि मैंने अपना एड्रेस छुपाकर, दूसरे गांव में रहकर 3 साल पहले शादी की थी. यहां के लोगों की शादी अपना एड्रेस छुपाने पर ही हो पाती है.
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