अजब-गजब

घर का बटर चिकन खाने के बाद शख्स की मौत, जांच में निकला कुछ ऐसा आप भी हो जाएंगे हैरान, जानें क्या है पूरा मामला

Ajab Gajab News: नॉन वेज के खाने के शोकिन लोगों की संख्या पूरी दुनिया में बहुत ज्यादा है. भारत में भी नॉन वेज चाव से खाया जाता है. आजकल तो सोशल मीडिया पर भी इन डिशेज़ को बनाने के वीडियोज खूब वायरल होते हैं. हालांकि नॉन वेज से किसी की जान चली जाए, ये बात हैरान करने वाली है.

दरअसल इंग्लैंड से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां एक 27 वर्षीय व्यक्ति की बटर चिकन करी खाने से मौत हो गई. उसने अपने घर पर बटर चिकन करी की एक बाइट ली. इसके बाद उसे सीने में तेज दर्द महसूस हुआ. फर्श पर गिरा और कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि परिवार ने खाने में जहर होने का शक जताया था, लेकिन यह जांच में साबित नहीं हुआ.

कार्रवाई के समय हुआ बड़ा खुलासा

इंग्लैंड में ग्रेटर मैनचेस्टर के बरी इलाके के रहने वाले जोसेफ हिगिन्सन एक मैकेनिक थे. उन्हें नट्स और बादाम से होने वाली एलर्जी एनाफिलेक्सिस थी, जो जानलेवा होती है. ब्रिटिश पोर्टल ‘द मिरर’ के अनुसार हिगिन्सन ने 28 दिसंबर 2022 को परिवार के साथ बटर चिकन करी की सिर्फ एक बाइट खाई थी. करी में खूब सारे मेवे पड़े थे, इससे हिगिन्सन को एलर्जी हो गई, वे फर्श पर गिर पड़े. तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन 4 जनवरी 2023 को उनकी मौत हो गई. उनकी मौत के बाद पुलिस ने जांच की, लेकिन चिकन करी बनाने वाले प्रतिष्ठान की कोई गलती नहीं मिली. अब यह मामला एक अदालती कार्रवाई से सामने आया है.

बहन ने बनाया था चिकन

परिवार के अनुसार, हिगिन्सन को अपनी एलर्जी के बारे में पता था और उन्होंने किसी भी एलर्जी के लिए चिकन करी की सावधानीपूर्वक जांच की थी. लेकिन ईश्वर को कुछ और मंजूर था. उनकी बहन एमिली हिगिन्सन ने कहा कि एलर्जी को गंभीरता से लेना चाहिए. एलर्जी ऐसी चीज नहीं है जिसे हल्के में लिया जा सकता है. हिगिन्सन को उनकी मृत्यु से कुछ महीने पहले ही एलर्जी का पता चला था. एलर्जी से बचने के लिए वह एपिपेन लेते थे. पैथोलॉजिस्ट डॉ. फिलिप लंब ने पुष्टि की कि करी खाने पर जोसेफ को तत्काल एलर्जी का सामना करना पड़ा. बादाम को हिगिन्सन के लिए मौत का कारण माना गया.

अंगों का दान कर कई लोगों को दिया नया जीवन

परिवार ने जोसेफ के अंगों को दान कर दिया है. बहन एमिली ने कहा कि जोसेफ का हार्ट और एक किडनी दान कर दी है गई. जिन्हें यह ट्रांसप्लांट किया गया, वे भी जीवित हैं.

निहारिका गुप्ता

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