Israel-Hamas War: हमास और इजरायल के बीच भीषण जंग जारी है. शनिवार को हमास ने इजरायल के रिहायशी इलाकों में महज 20 मिनट में 5000 रॉकेट दागे. इस हमले में 350 इजरायली नागरिकों की मौत हो गई. इसके तुरंत बाद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध की घोषणा कर दी. जवाबी कार्रवाई के दौरान हमास के 17 ठिकानों को तबाह कर दिया गया. गाजा पट्टी में हमास के कई लड़ाके को मार गिराया गया. दुनिया भर के देशों ने इजरायल पर हुए इस आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया दी है.
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच बड़ी तनातनी के बाद कांग्रेस ने एक बयान जारी कर इजराइल में आतंकी हमलों की निंदा की, जिसके बाद बीजेपी-कांग्रेस के बीच बहस छिड़ गई. बीजेपी ने आरोप लगाया कि 2004-14 के बीच भारत को भी ऐसा ही झेलना पड़ा था. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस का हमेशा मानना रहा है कि फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षाएं बातचीत के जरिए ही पूरी होनी चाहिए. कांग्रेस ने कहा, किसी भी प्रकार की हिंसा कोई समाधान नहीं देती. भारत ने हमले की निंदा की है और पीएम मोदी ने कहा कि भारत इजराइल के साथ खड़ा है.
मुंबई आतंकी हमले सहित देश भर में विभिन्न आतंकी घटनाओं का उदाहरण देते हुए, भाजपा ने कहा, “इजरायल आज जो झेल रहा है, वही भारत ने 2004-14 के बीच झेला. कभी माफ मत करो, कभी मत भूलो…”. बीजेपी की ओर से जारी किए गए वीडियो में राहुल गांधी का एक बयान भी था जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘हर एक आतंकवादी हमले को रोकना बहुत मुश्किल है.”
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस फूंक-फूंककर कदम रख रही है. कांग्रेस नहीं चाह रही है कि कुछ ऐसा बयान दिया जाए जिससे विवाद खड़ा हो. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश कहते हैं, “कांग्रेस का हमेशा यह मानना रहा है कि फिलिस्तीन के लोगों की वैध आकांक्षाएं बातचीत के माध्यम से अवश्य ही पूरी की जानी चाहिए, वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी इजरायली चिंताओं का भी समाधान सुनिश्चित किया जाना चाहिए.” सबसे खास बात ये कि कांग्रेस ने इजरायल के समर्थन वाले पीएम मोदी के बयान की निंदा भी नहीं की है.
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कांग्रेस आज भले ही इजरायल पर हुए हमले की निंदा कर रही हो पर एक समय में फिलिस्तियों की हमदर्द रही है. कुछ महीने पहले कांग्रेस बीजेपी सरकार पर फिलिस्तीन के साथ किए गए कमिटमेंट से हटने का आरोप लगाया था. इसके अलावा साल 2021 के जून महीने में कांग्रेस ने गाजा में इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच चल रहे संघर्ष पर भारत के रुख की आलोचना की थी.
बता दें कि फिलिस्तीन और इजरायल के बीच का विवाद मुस्लिम समुदाय की भावनाओं से जुड़ा है. मुसलमान,यहूदी और ईसाइयों के बीच पश्चिमी दीवार को लेकर जबरदस्त विवाद है. यह विवाद अल-अक्सा मस्जिद से जुड़ी है. इस विवाद से भारत के मुसलमानों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. कोई भी पार्टी इस मुद्दे पर फिलीस्तीन के खिलाफ जाकर यहां पर मुसलमानों के गुस्से का शिकार नहीं होना चाहती हैं. शायद यही वजह है कि कांग्रेस ने यूटर्न लिया है.
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