विश्लेषण

देश दुनिया से बेखबर है यह समाज, रोम-रोम में बसते हैं प्रभु ‘श्रीराम’, कहलाते हैं रामनामी

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है. इसके लिए देश के तमाम साधु संतो और गणमान्य लोगों को निमंत्रण भेजा जा चुका है. राम मंदिर को लेकर देशभर में एक बार फिर सियासत जारी है. वहीं इसके इतर पूरे देश में रामनाम की अलख जग चुकी है. अयोध्या से लेकर हर जगह रामनाम के गीतों का प्रचलन भी तेजी से बढ़ा है. लेकिन रामनाम की इसी धूम के बीच देश में एक समाज ऐसा भी है जो सिवाय रामनाम के कुछ नहीं जानता. कुछ नहीं का मतलब कुछ नहीं जानता.

राम नाम सत्य है

देश में चल रहे रामनाम की खबरों से अनजान इस समाज के लोग अपने शरीर में ही रामनाम का गोदना करवा बैठे हैं. इन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम राम को खुद में ही आत्मसात कर लिया है. छत्तीसगढ़ के इस समाज को रामनामी कहा जाता है. जहां कुछ दिनों पहले एक नेता द्वारा भगवान श्रीराम को मासांहारी होने का विवादित बयान दिया गया था, वहीं इस समाज के लोग जीवन पर्यंत शाकाहारी रहते हैं. इसके अलावा इनका नैतिक आचरण भी उच्च कोटि का रहता है. एक समय जब इस समाज को अपनी जाति के कारण मन्दिर में प्रवेश से वंचित कर दिया गया तो उसने खुद के शरीर पर ही राम नाम लिखवा डाला. ऐसे में उनका शरीर ही मंदिर बन गया और उनके रोम-रोम में भगवान श्रीराम की संकल्पना ने साकार रूप ले लिया.

कोई भी बन सकता है रामनामी

इस समाज के लोगों का मानना है कि कोई भी व्यक्ति रामनामी बन सकता है. इसके लिए उसे कुछ शर्तों का पालन करना होगा. उसे मादक पादर्थों से दूरी बनाते हुए शुद्घ रूप से शाकाहार का संकल्प लेना होगा. वहीं अपने व्यवहार को सदाचारी बनाना होगा. और जो सबसे मुख्य बात है वह यह है कि शरीर के कोई भी एक स्थान पर राम शब्द का गोदना करवाना होगा.

श्रीराम के ननिहाल में बस सिर्फ राम नाम

शरीर को ही राममय करने वाले इस समाज का ना तो रामन्दिर से कोई लेना देना है और ना उसके लिए होने वाले विवाद से. दक्षिण कौशल यानी छत्तीसगढ़ में ही भगवान श्रीराम का ननिहाल भी है. ये निस्वार्थ भक्त खामोशी से रामनामी बनकर राम में लीन हो चुके हैं. वहीं यह समाज आज हाशिए पर पहुंच चुका है. आधिकारिक तौर पर उनकी जनसंख्या कितनी है यह स्पष्ट नहीं है. वहीं इन रामभक्तों की सुध लेने वाला भी कोई नहीं. भगवान श्रीराम के साथ ही उनके इन अनन्य भक्तों की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है, जिससे हम रामराज्य के और करीब आ सकें.

इसे भी पढ़ें: व्लॉगर्स: मिलिए नए युग के ‘ज्ञानियों’ से

हालांकि, माता शबरी से जुड़े छत्तीसगढ़ के शिवरी नारायण और निकटवर्ती गांवों में, महानदी के किनारे रहने वाले ये रामनामी भगवान राम के सिवा किसी और से उम्मीद भी नहीं करते.

Rohit Rai

Recent Posts

Lok Sabha Elections 2024: वोट डालने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजनीतिक दलों के लिए कही ये बात, Video

मायावती ने कहा, "मैंने मतदान कर दिया है. मैं सभी मतदाताओं से अपील करती हूं…

1 hour ago

जम्मू-कश्मीर में वोट डालने के लिए उमड़ा जनसैलाब, इस पोलिंग बूथ पर सबसे पहले 99 साल के बुजुर्ग ने डाला वोट- Video

बारामुला सीट पर जारी मतदान के दौरान वोटर्स में गजब का उत्साह देखने को मिल…

2 hours ago

Lok Sabha Elections-2024: पांचवें चरण के मतदान के लिए PM मोदी ने युवा व महिला मतदाताओं से की ये खास अपील

पीएम ने कहा है कि इस चरण के सभी मतदाताओं से मेरा अनुरोध है कि…

3 hours ago

Election 2024 Live Updates: 9 बजे तक 10.28 फीसदी मतदान, बंगाल और यूपी में सबसे ज्यादा वोटिंग

जिन सीटों पर आज चुनाव हो रहा है, उनमें महाराष्ट्र की 13, उत्तर प्रदेश की…

3 hours ago