Ayodhya Ram Mandir: भगवान राम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे भव्य कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गई हैं. सात सुरक्षा एजेंसियों के कैंप लगाए गए हैं, जिसमें स्टेट एजेंसियों के साथ ही केंद्र की एजेंसियां भी शामिल हैं. तो वहीं अयोध्या सहित आस-पास के विभिन्न इलाकों में 15 टीमें छानबीन करके इनपुट तलाश रही हैं. तो दूसरी ओर राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी कमांडो को दी गई है. कार्यक्रम के दौरान रामनगरी में करीब 30 हजार से अधिक जवान तैनात रहेंगे.
एसपी सिटी मधुबन सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि रामनगरी को दो सेक्टरों में बांट कर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जा रहे हैं. इसके लिए करीब 100 डिप्टी एसपी, 300 निरीक्षक, 800 उपनिरीक्षक व 4500 मुख्य आरक्षी/आरक्षी की मांग की गई है. 20 कंपनी पीएसी भी तैनात रहेगी. उन्होंने बताया कि, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है. उन्होंने आगे बताया कि, जो खुराफाती व अराजक तत्व पुलिस के रडार पर हैं, उनको जरा भी अयोध्या में घुसने नहीं दिया जाएगा. पुलिस ने मय फोटो इनका डाटाबेस तैयार कर लिया है. इनकी गतिविधियों पर लगातार अभी से नजर रखी जा रही है. श्रीराम मंदिर की सुरक्षा को पहले से अब और चुस्त किया जा रहा है.
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम को देखते हुए जिले में आईबी, एलआईयू, एटीएस, एसटीएफ, मिलिट्री इंटेलिजेंस समेत सात सुरक्षा एजेंसियों ने कैंप लगा दिया है. तो वहीं खुफिया जानकारी जुटाने के लिए एक डिप्टी एसपी, एक निरीक्षक व छह-छह सिपाही की टीम लगी हुई है. इन्हें मोबाइल ट्रैकिंग सिस्टम समेत तमाम आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है. अयोध्या में होने वाली तमाम संभावित गतिविधियों पर उनकी नजर है. फिदाइन हमले रोकने के लिए मंदिर के आसपास क्रैश रेटेड बोलार्ड लगाए जा रहे हैं. इसके आलावा सीसीटीवी कैमरों से आस-पास के इलाकों की निगरानी का जाएगी. साथ ही ड्रोन की भी मदद ली जाएगी.
महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल की छठवीं वाहिनी को सौंपी गई है. यूपीएसएसएफ के मीडिया प्रभारी विवेक श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि, तैनाती के पहले जवानों को अपर पुलिस महानिदेशक एलवी एंटनी देव कुमार ने सुरक्षा के अहम बिंदु समझाए हैं. इन सभी को तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया गया हैय यूपी एटीएस से आधुनिक हथियारों को चलाने का और यूपीएसडीआरएफ से आपदा से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए पांच दिन का इंडक्शन कोर्स, 14 दिन का बेसिक कोर्स, पांच दिन का ऑन जॉब ट्रेनिंग, पांच दिवस का स्क्रीनर्स से संबंधित विशेष प्रशिक्षण भी मिला है. मालूम हो कि ये जवान आतंकी खतरों से निपटने की क्षमता रखते हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, यहां तीन इंस्पेक्टर, 55 उप निरीक्षक, 22 मुख्य आरक्षी और 194 आरक्षी लगाए गए हैं. सुरक्षा बलों की कुल संख्या 294 है. इन सभी को वॉच टावर के साथ सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है. तो इसी के साथ ही स्क्रीन के जरिये पूरे एयरपोर्ट की सुरक्षा की सतत निगरानी की जा रही है.
सुरक्षा बंदोबस्त के बीच ही भारी वाहनों के लिए भी निर्देश जारी कर दिया गया है. 21 और 22 जनवरी को भारी वाहन इधर से नहीं जा सकेंगे. तो वहीं छोटे वाहनों के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी. अतिथियों के लिए पार्किंग आदि की बेहतर व्यवस्था रहेगी. पार्किंग स्थलों पर निगरानी के लिए कैमरे लगवाए जा रहे हैं. साथ ही बिना अनुमति इस क्षेत्र में ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकेंगे. श्रद्धालुओं से बेहतर व्यवहार के लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है. तो वहीं स्थानीय पुलिस अभी से भीड़ में अराजकता फैलाने वाले लोगों को चिह्नित कर रही है. खुफिया के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से निगरानी की व्यवस्था भी का जी रही है. इसी के साथ ही समारोह के दौरान सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग भी किया जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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