दिल्ली सरकार के अतिरिक्त लोक अभियोजकों (एपीपी) की नियुक्ति के मुद्दे पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने हाईकोर्ट से कहा कि 80 एपीपी की भर्ती की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं और इसके मार्च तक पूरी हो जाने की संभावना है. उसने कोर्ट के समक्ष एक संक्षिप्त हलफनामा दाखिल कर कहा कि उसे अक्टूबर 2020 में भर्ती करने का प्रस्ताव मिला था. उस पद के लिए 3,155 उम्मीदवारों ने आवेदन किए थे जिसमें से 2,122 उम्मीदवार भर्ती परीक्षा में शामिल हुए. अब साक्षात्कार के लिए 261 उम्मीदवारों को बुलाया गया है.
यूपीएससी ने सरकार के इस दावे को खारिज कर दिया कि उसने उसे और अभियोजकों की भर्ती के लिए एक नया प्रस्ताव भेजा है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने यूपीएससी के हलफनामे की जांच के बाद सुनवाई 15 मार्च के लिए स्थगित कर दी.
यूपीएससी ने अपने हलफनामे में कहा है कि 11 जनवरी के आदेश में उल्लिखित दिल्ली के वकील का बयान गलत और अनुचित है। क्योंकि उसे सरकार की ओर से लोक अभियोजकों या सहायक लोक अभियोजकों के पद को भरने के लिए कोई नया प्रस्ताव नहीं मिला है। हाईकोर्ट ने गत सुनवाई के दिन लोक अभियोजकों की कमी को लेकर सरकार की खिंचाई की थी। पीठ ने कहा था कि अभियोजकों की कमी के कारण आपराधिक न्याय पण्राली एक बड़े बैकलॉग से ग्रस्त है। कोर्ट अभियोजकों की नियुक्ति से संबंधित दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिससे मुकदमों की नियमित आधार पर बहस की जा सके.
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