सुप्रीम कोर्ट के जज ने भरी अदालत में मांगी माफी, फैसला सुनाने में 2 महीने हुई थी देरी – सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने एक मामले में फैसला देरी से सुनाने पर माफी मांगी है. आपको बता दें जस्टिस बी.आर. गवई और एम.एम. सुंदरेश चंडीगढ़ शहर में एकल आवासीय को अपार्टमेंट में बदलने के बड़े पैमाने पर चलन के खिलाफ दायर याचिका के एक मामले में फैसला सुना रहे थे. देश की न्यायपालिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी जज ने देरी से फैसला सुनाने पर माफी मांगी है. जस्टिस गवई ने कहा कि स्थायी विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच उचित संतुलन बनाने की भी जरूरत है. बेंच ने उचित सरकारी अंगों से शहरी विकास की अनुमति देने से पहले पर्यावरणीय प्रभाव आकलन करने के लिए आवश्यक प्रावधानों को लागू करने का आग्रह किया है.जस्टिस गवई ने कहा कि हमें विभिन्न अधिनियमों के सभी प्रावधानों और उनके तहत घोषित नियमों पर विचार करना है.
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