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कैनवा ने लॉन्च किया विजुअल सूट 2.0: भारत में डीप टेक और एआई के साथ डिजाइन एकीकृत किया

ऑस्ट्रेलियाई डिजाइन प्लेटफॉर्म कैनवा ने 10 अप्रैल, 2025 को लॉस एंजिल्स में अपने प्रमुख आयोजन कैनवा क्रिएट में विजुअल सूट 2.0 लॉन्च किया. यह कैनवा की अब तक की सबसे बड़ी पेशकश है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और डेटा को डिजाइन-केंद्रित मंच के साथ एकीकृत किया गया है. इसमें उन्नत डेटा विजुअलाइजेशन, संवादात्मक डिजाइन, बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत सामग्री निर्माण, और इंटरैक्टिव अनुभवों को बनाने के नए तरीके शामिल हैं. यह लॉन्च कैनवा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, खासकर इसके उद्यम-केंद्रित ऑफरिंग्स के लिए, जिन्हें कंपनी ने एक साल से भी कम समय पहले शुरू किया था. भारत, जो कैनवा का एक प्रमुख बाजार है, इस नई तकनीक से डिजाइन और नवाचार के क्षेत्र में क्रांति लाने की उम्मीद कर रहा है.

विजुअल सूट 2.0 की विशेषताएं

  • विजुअल सूट 2.0 डिजाइन और उत्पादकता को एक मंच पर लाने का वादा करता है. इसकी प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:
  • कैनवा शीट्स: यह एक नया स्प्रेडशीट टूल है, जो इंटरनेट से डेटा को शामिल करने की सुविधा देता है. यह डेटा, टेक्स्ट और विजुअल्स को सहजता से एकीकृत करता है.
  • मैजिक चार्ट्स: यह डेटा को इंटरैक्टिव और आकर्षक विजुअल कहानियों में बदल देता है, जिससे जटिल जानकारी को समझना आसान हो जाता है.
  • कैनवा एआई: यह एक जेनरेटिव एआई टूल है, जो टेक्स्ट, इमेज और डिजाइन को प्रॉम्प्ट के आधार पर उत्पन्न और संपादित करता है. यह उपयोगकर्ताओं को विचार से लेकर अंतिम डिजाइन तक तेजी से ले जाता है.
  • कैनवा कोड: यह उपयोगकर्ताओं को बिना कोडिंग ज्ञान के इंटरैक्टिव डिजाइन, जैसे कैलकुलेटर या क्विज, बनाने की सुविधा देता है.

ये टूल न केवल डिजाइन को सरल बनाते हैं, बल्कि उद्यमों, फ्रीलांसरों और शिक्षकों के लिए कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं.

भारत में कैनवा की मांग

कैनवा के वैश्विक उत्पाद प्रमुख रॉबर्ट कावाल्स्की ने मनीकंट्रोल को दिए साक्षात्कार में भारत को कंपनी का एक प्रमुख और सबसे तेजी से बढ़ता बाजार बताया. उन्होंने कहा कि 2024 में भारत में 66.6 करोड़ से अधिक डिजाइन बनाए गए, जिसमें एक दिन में लगभग 20 लाख डिजाइन शामिल हैं. इसके अलावा, 13.9 करोड़ प्रेजेंटेशन और 1.7 करोड़ व्हाइटबोर्ड बनाए गए. कैनवा के सह-संस्थापक कैमरन एडम्स का मानना है कि अगले दो वर्षों में भारत कंपनी का सबसे बड़ा बाजार बन सकता है.

भारत में फ्रीलांसर और छोटे-मध्यम उद्यम (SMBs) कैनवा का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं. वर्तमान में भारत में 2,40,000 से अधिक फ्रीलांसर कैनवा का उपयोग कर रहे हैं. शिक्षा क्षेत्र में भी कैनवा की मजबूत उपस्थिति है, जहां 11,000 से अधिक शिक्षक इसके फेसबुक समुदाय का हिस्सा हैं.

हिंदी मंच और स्थानीयकरण रणनीति

कैनवा ने हाल ही में भारत के लिए एक हिंदी वेबसाइट लॉन्च की है, जो पूरी तरह से प्रामाणिक और भारतीय संस्कृति से जुड़ी सामग्री प्रदान करती है. इसका उपयोगकर्ता इंटरफेस (UI) और अनुभव (UX) भी स्थानीय जरूरतों के अनुरूप बनाया गया है. कावाल्स्की ने बताया कि स्थानीयकरण कैनवा की रणनीति का मूल हिस्सा है. कंपनी 100 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है और यह सुनिश्चित करती है कि डिजाइन सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक हों.

भारत जैसे विविध बाजार में, जहां सांस्कृतिक बारीकियां महत्वपूर्ण हैं, कैनवा उपयोगकर्ताओं को ऐसी सामग्री प्रदान करता है जो उनकी स्थानीय जरूरतों को पूरा करती है. यह रणनीति न केवल उपयोगकर्ता आधार को बढ़ाती है, बल्कि प्रतिस्पर्धा में भी कंपनी को मजबूत बनाती है.

एआई का प्रभाव और रणनीति

कैनवा की एआई रणनीति तीन आधारों पर टिकी है:

  • इन-हाउस क्षमताएं: कंपनी ने वर्षों में अपनी स्वयं की एआई तकनीक विकसित की है.
  • थर्ड-पार्टी मॉडल: जहां जरूरी हो, कैनवा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तृतीय-पक्ष मॉडल का उपयोग करता है.
  • ऐप इकोसिस्टम: कैनवा के मंच पर कई एआई-केंद्रित ऐप्स बनाए गए हैं.

यह संयोजन उपयोगकर्ताओं को जटिलता से मुक्त करता है और एक सहज, शक्तिशाली एआई अनुभव प्रदान करता है. कैनवा का लक्ष्य उपयोगकर्ताओं को विचार से लेकर अंतिम उत्पाद तक का एक संपूर्ण अनुभव देना है.

कावाल्स्की ने बताया कि उपयोगकर्ता अब एआई से बेहतर प्रॉम्प्ट अनुपालन और उच्च गुणवत्ता की उम्मीद करते हैं. कैनवा का एआई टूल मल्टी-मोडल है, जो दस्तावेज, छवि और पूर्ण डिजाइन को संपादन योग्य बनाता है. यह उपयोगकर्ताओं को रचनात्मक प्रक्रिया में शामिल रखता है, जिससे एआई एक सहायक की तरह काम करता है, न कि मानव रचनात्मकता का प्रतिस्थापन.

वैश्विक प्रभाव और उद्यमों में उपयोग

वैश्विक स्तर पर, कैनवा का उपयोग 95% फॉर्च्यून 500 कंपनियां कर रही हैं. उदाहरण के लिए, फेडएक्स ने कैनवा के मैजिक ट्रांसलेटर टूल का उपयोग करके अपनी वैश्विक अभियानों को 77% तेजी से तैयार किया है. यह दर्शाता है कि कैनवा न केवल व्यक्तिगत डिजाइनरों, बल्कि बड़े उद्यमों के लिए भी महत्वपूर्ण है.
भारत में भी, कैनवा का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ रहा है. फ्रीलांसर इसे अपनी सेवाओं को तेजी से और प्रभावी ढंग से प्रदान करने के लिए उपयोग कर रहे हैं, जबकि SMBs इसे ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए अपनाने लगे हैं.

एआई और रचनात्मकता पर बहस

हाल के समय में स्टूडियो घिबली के एआई टेम्पलेट के वायरल होने के बाद कॉपीराइट और एआई की रचनात्मकता पर बहस छिड़ी है. कावाल्स्की ने इस पर कहा कि कैनवा ने एआई सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाया है. कंपनी का “कैनवा शील्ड” फ्रेमवर्क एआई मॉडल के प्रशिक्षण से लेकर उपयोगकर्ता आउटपुट की सुरक्षा तक सब कुछ सुनिश्चित करता है.

कैनवा के डिजाइनर समुदाय को अपनी सामग्री को एआई प्रशिक्षण में शामिल करने का विकल्प दिया जाता है, और 99% डिजाइनरों ने इसके लिए सहमति दी है. उन्हें इसके लिए उचित पारिश्रमिक भी मिलता है. कावाल्स्की का मानना है कि एआई मानव रचनात्मकता को खत्म नहीं करेगा, बल्कि यह नई अभिव्यक्तियों को जन्म देगा.

भारत में डिजाइन का भविष्य

विजुअल सूट 2.0 के लॉन्च के साथ, कैनवा ने डिजाइन और डेटा के बीच की खाई को पाटने का प्रयास किया है. भारत में इसका प्रभाव गहरा होगा, जहां यह फ्रीलांसरों, SMBs और शिक्षकों को सशक्त बना रहा है. हिंदी मंच और स्थानीयकरण रणनीति के साथ, कैनवा भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक प्रासंगिक बन रहा है. जैसे-जैसे एआई और डीप टेक का विकास हो रहा है, कैनवा भारत में डिजाइन क्रांति का नेतृत्व करने के लिए तैयार है. यह न केवल तकनीकी नवाचार है, बल्कि रचनात्मकता को सभी के लिए सुलभ बनाने का एक मिशन भी है.

ये भी पढ़ें: भारत की गहरी प्रौद्योगिकी क्रांति: वैश्विक दौड़ में शामिल होने का समय

-भारत एक्सप्रेस

Aarika Singh

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