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2027 तक भारतीय डेटा केंद्रों में 100 अरब डॉलर से अधिक का होगा संचयी निवेश, 2025 तक क्षमता 2070 MW

रियल एस्टेट सलाहकार फर्म सीबीआरई (CBRI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2027 के अंत तक भारतीय डेटा केंद्रों में संचयी निवेश (Cumulative Investment) प्रतिबद्धता 100 अरब डॉलर को पार कर जाने की संभावना है. 2019 और 2024 के बीच भारत ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों दोनों से 60.3 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धताएं आकर्षित की.

डेटा सेंटर क्षमता 2025 तक 2,070 MW

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का डेटा सेंटर क्षमता 2025 के अंत तक लगभग 2,070 मेगावाट (MW) तक पहुंचने का अनुमान है. वर्तमान डेटा सेंटर क्षमता लगभग 1,255 MW है, जिसमें मुंबई, चेन्नई और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में लगभग 475 मेगावाट क्षमता निर्माणाधीन है.

इसके अलावा, 2024 में अब तक लगभग 19 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल संचयी निवेश प्रतिबद्धताओं के मामले में अग्रणी राज्य बनकर उभरे हैं. वर्ष का अंत भारत की डेटा सेंटर क्षमता को 1,600 मेगावाट तक बढ़ाए जाने के साथ हो सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में डेटा सेंटर स्टॉक का दबदबा बना हुआ है, इसके बाद चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु का स्थान है, जो सितंबर 2024 तक देश के कुल डेटा सेंटर स्टॉक का 90 प्रतिशत हिस्सा है.

वर्तमान में, भारत का कुल डेटा सेंटर स्टॉक लगभग 19 मिलियन वर्ग फीट (MSF) भूमि क्षेत्र है, जिसके 2025 के अंत तक 31 MSF तक पहुंचने की उम्मीद है. आने वाले वर्ष के लिए प्रमुख मांग चालकों में बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई) और प्रौद्योगिकी कंपनियां शामिल हैं.

भारत आकर्षक गंतव्यों में से एक बनेगा

भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के CBRI के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुमान मैगजीन का मानना ​​है कि BFSI, टेक्नोलॉजी और टेलीकम्युनिकेशन क्षेत्रों की मांग, राज्य-स्तरीय नीतिगत प्रोत्साहनों के साथ मिलकर इस वृद्धि को बढ़ावा देती रहेगी, जिससे आने वाले वर्षों में भारत डेटा सेंटर ऑपरेटरों के लिए सबसे आकर्षक गंतव्यों में से एक बन जाएगा.

महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु सहित राज्यों ने डेटा केंद्रों को आवश्यक सेवाओं के रूप में मानते हुए राज्य-विशिष्ट प्रोत्साहन जारी किए हैं. रिपोर्ट ने इसके अलावा क्षेत्रीय डेटा खपत वृद्धि, लागत दक्षता लाभ, स्थिरता और AI संचालित टेक्नोलॉजियों की मांग के बीच अहमदाबाद, कोच्चि, विशाखापत्तनम और लखनऊ जैसे टियर-II शहरों में विस्तार जैसे इंडस्ट्री ट्रेंड्स उजागर किए हैं.


ये भी पढ़ें: शहरी खपत के बल पर भारत 2025 में मजबूत वृद्धि के लिए तैयार, GDP 6.8% पर अपरिवर्तित: S&P


-भारत एक्सप्रेस

Md Shadan Ayaz

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