India’s Industrial Production Index: भारत के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में नवंबर 2024 में 5.2% की वृद्धि दर्ज की गई. यह पिछले छह महीनों में सबसे अधिक है. अक्टूबर 2024 में यह वृद्धि 3.7% रही थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, यह वृद्धि निम्न आधार प्रभाव के कारण हुई है.
नवंबर 2023 में IIP में 2.5% की वृद्धि हुई थी. वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के पहले आठ महीनों (अप्रैल-नवंबर) में औद्योगिक उत्पादन की संचयी वृद्धि 4.1% रही. यह पिछले वित्त वर्ष (FY24) की इसी अवधि में दर्ज 6.5% की वृद्धि से कम है.
आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाने में विनिर्माण क्षेत्र (5.8%) की अहम भूमिका रही. इसके बाद बिजली क्षेत्र (4.4%) और खनन क्षेत्र (1.9%) का योगदान रहा.
CRISIL के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि तीसरी तिमाही (Q3FY25) में अब तक IIP की वृद्धि दूसरी तिमाही (Q2FY25) से बेहतर रही है. तीसरी तिमाही में अक्टूबर-नवंबर के दौरान यह वृद्धि 4.4% रही, जबकि दूसरी तिमाही में यह 2.7% थी.
जोशी ने यह भी कहा कि सरकारी पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के फिर से शुरू होने से नवंबर में बुनियादी ढांचा, निर्माण और पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ावा मिला.
विनिर्माण क्षेत्र में परिधान, लकड़ी उत्पाद, गैर-धातु खनिज, मशीनरी (बिजली और गैर-बिजली), इलेक्ट्रॉनिक्स और परिवहन क्षेत्र में उच्च वृद्धि दर्ज की गई. वहीं, खाद्य उत्पाद, चमड़ा, रिकॉर्डेड मीडिया, प्लास्टिक उत्पाद और अन्य विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट देखी गई.
उपयोग आधारित श्रेणियों में, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं (13.1%) में सबसे अधिक वृद्धि हुई. इसके बाद बुनियादी ढांचा (10%), पूंजीगत वस्तुएं (9%), मध्यवर्ती वस्तुएं (5%) और प्राथमिक वस्तुएं (2.7%) रहीं. हालांकि, उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं (0.6%) की वृद्धि धीमी रही.
CARE रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि IIP के उपभोग संबंधी घटकों ने मिले-जुले संकेत दिए. उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की वृद्धि मजबूत रही, लेकिन उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं में धीमी वृद्धि ने चिंता बढ़ाई. उन्होंने कहा कि ग्रामीण मांग में सुधार के संकेत हैं, लेकिन गैर-टिकाऊ वस्तुओं का प्रदर्शन आगे ध्यान देने योग्य होगा.
इंडिया रेटिंग्स के वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक पारस जस्रई ने बताया कि सितंबर 2024 से IIP में वृद्धि का रुझान देखा जा रहा है. हालांकि, इसे औद्योगिक मांग में पुनरुत्थान कहना जल्दबाजी होगी. उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की वृद्धि त्योहारी मांग और कुछ विवेकाधीन खर्च के कारण हो सकती है.
उन्होंने यह भी कहा कि आगे चलकर उच्च आधार प्रभाव औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि को प्रभावित कर सकता है. दिसंबर 2024 के लिए IIP वृद्धि लगभग 3% रहने की उम्मीद है.
ICRA रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि त्योहारी तारीखों में बदलाव से जुड़े आधार प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, अक्टूबर-नवंबर की औसत वृद्धि बेहतर दृष्टिकोण देती है. इस दृष्टिकोण से, कुल औद्योगिक वृद्धि 4.4% रही. यह मुख्य रूप से उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुओं से प्रेरित रही, जबकि प्राथमिक वस्तुओं और उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं का प्रदर्शन कमजोर रहा.
नायर ने आगे कहा कि दिसंबर में उपलब्ध उच्च-आवृत्ति संकेतक मिले-जुले रुझान दिखा रहे हैं. इसलिए, ICRA को दिसंबर 2024 में IIP वृद्धि के 3.5% तक धीमी होने की संभावना है.
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-भारत एक्सप्रेस
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