चुनावी विश्लेषण

Assembly by-Election-2024: सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर शुरू हो गया मतदान; जानें कहां और क्यों हो रहा है उपचुनाव और कैसा है इन सीटों पर समीकरण?

Assembly by-Election-2024: आज यानी 10 जुलाई को देश के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान सुबह से ही शुरू हो गया है. तमिलनाडु में विक्रवांडी विधानसभा उपचुनाव के लिए DMK उम्मीदवार अन्नियुर शिवा मतदान केंद्र संख्या-42 पर वोट डालने के लिए पहुंचे हैं. बता दें कि उपचुनाव के लिए इनमें सबसे ज्यादा चार सीटें पश्चिम बंगाल की हैं तो इसके अलावा हिमाचल प्रदेश की तीन तो उत्तराखंड की दो सीटों पर भी मतदान शुरू हो चुका है.

बता दें कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं. इस चुनाव में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुर सहित कई दिग्गज और कुछ नए चेहरों की किस्मत आज ईवीएम में बंद होगी. बता दें कि उपचुनाव शुरू होते ही नादिया रानाघाट दक्षिण विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार मनोज कुमार बिस्वास ने काली मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसका वीडियो भी सामने आया है.

जाने क्या है 13 सीटों के उपचुनाव का पूरा कार्यक्रम?

बता दें कि उपचुनाव को लेकर 14 जून को अधिसूचना जारी की गई थी. और 21 जून तक तमाम उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. 24 जून को नामांकन की जांच हुई और नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 26 जून तक रही. बता दें कि आज वोटिंग हो रही है और मतगणना 13 जुलाई को होगी. चुनाव आयोग के अनुसार, उपचुनाव की प्रक्रिया 15 जुलाई से पहले पूरी होनी है.

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इन राज्यों में हो रहे हैं उपचुनाव

बता दें कि बिहार की रूपौली, पश्चिम बंगाल की रायगंज, रानाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला, तमिलनाडु की विक्रवंडी, मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा, उत्तराखंड की बद्रीनाथ और मंगलौर, पंजाब की जालंधर पश्चिम और हिमाचल प्रदेश की देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. गौरतलब है कि जिन सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं, इनमें पिछली बार भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे अधिक तीन-तीन सीटें जीती थीं तो वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं. इसके अलावा टीएमसी, बसपा, जदयू, आप और डीएमके के एक-एक उम्मीदवार जीत हासिल की थी.

देखें कैसा है सभी 13 सीटों पर समीकरण?

उत्तराखंड में बद्रीनाथ सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इसी साल कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने मार्च में इस्तीफा दे दिया था. इस वजह से ये सीट खाली हुई. वह भाजपा में शामिल हो गए थे. बद्रीनाथ में भाजपा के राजेंद्र भंडारी और कांग्रेस के नए उम्मीदवार लखपत सिंह बुटोला के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही है. तो वहीं पिछले साल अक्टूबर में बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के कारण मंगलौर सीट पर उपचुनाव हो रहा है. यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां मुस्लिम और दलित बहुल मंगलौर सीट पर भाजपा ने कभी भी जीत हासिल नहीं की है. इस सीट पर पहले कांग्रेस या बसपा का कब्जा था तो वहीं इस बार बसपा ने अंसारी के बेटे उबेदुर रहमान को मैदान में उतारा है तो वहीं रहमान को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को उतारा है. तो वहीं करतार सिंह भड़ाना भाजपा की ओर से मैदान में हैं.

मध्य प्रदेश

यहां की छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है. बता दें कि कांग्रेस के टिकट पर कमलेश शाह ने यहां से 2023 में विधायकी छोड़कर भाजपा का हाथ थामा था. इसी के बाद ये सीट खाली हो गई थी और अब उपचुनाव हो रहा है. इस सीट के लिए नौ प्रत्याशी मैदान में हैं. भाजपा ने कमलेश शाह को प्रत्याशी घोषित किया है तो वहीं कांग्रेस ने धीरेन शाह को मैदान में उतारा है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के देवीराम भलावी के मैदान में उतरने से मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है. गौरतलब है कि 2023 के विधानसभा चुनावों में अमरवाड़ा समेत छिंदवाड़ा की सभी आठ सीटों पर कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में जीत हासिल की थी. तो वहीं उपचुनाव में भी कांग्रेस पूरे दम के साथ उतरी है. तो वहीं इस चुनाव को भाजपा नेता व मुख्यमंत्री मोहन यादव के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है.

पंजाब

यहां जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव काफी दिलचस्प दिखाई दे रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद इस सीट को जीतने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. उपचुनाव के लिए 15 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि कुल 1.72 लाख मतदाता हैं. माना जा रहा है कि ये मान के लिए अग्निपरीक्षा है. शीतल अंगुराल के आप विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई इस सीट पर बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. सत्तारूढ़ आप ने पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व विधायक भगत चुन्नी लाल के बेटे मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है. मालूम हो कि भाजपा छोड़कर भगत पिछले साल आप में शामिल हो गए थे.

तो वहीं कांग्रेस ने यहां से सुरिंदर कौर को मैदान में उतारा है. वह जालंधर की पूर्व वरिष्ठ उप महापौर और पांच बार नगर निगम पार्षद रह चुकी हैं. वह रविदासिया समुदाय की प्रमुख दलित नेता हैं और एक जाना माना चेहरा हैं. तो वहीं भाजपा ने अंगुराल को मैदान में उतारा है, जो मार्च में आप छोड़कर भाजपा का दामन थामा. 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आप के टिकट पर यह सीट जीती थी.

बिहार

यहां रूपौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. जदयू विधायक बीमा भारती के इस साल मार्च में इस्तीफा देने और राजद में शामिल होने के बाद ये सीट खाली हुई थी. रूपौली विधानसभा सीट के उपचुनाव में बीमा भारती राजद प्रत्याशी हैं तो वहीं इस सीट पर एनडीए की ओर से जदयू ने कलाधर मंडल को मैदान में उतारा है. लोजपा (रामविलास) से बागी होकर शंकर सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. तो वहीं पूर्णिया लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने वाले निर्दलीय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बीमा भारती को समर्थन देने की घोषणा की है. इस सीट से 2020 के चुनाव में जदयू के टिकट पर बीमा विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुई थीं. गौरतलब है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीमा पूर्णिया लोकसभा सीट से राजद उम्मीदवार थीं लेकिन निर्दलीय पप्पू यादव से उनको हार का सामना करना पड़ा था.

हिमाचल प्रदेश

यहां देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ यानी तीन विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहा है. बता दें कि ये सीटें तीन निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और केएल ठाकुर (नालागढ़) के 22 मार्च को सदन से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन तीनों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था और फिर ये विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे.

तो दूसरी ओर सीएम सुक्खू के गृह जिले हमीरपुर में पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा को कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा टक्कर दे रहे हैं. तो वहीं भाजपा ने पूर्व विधायकों को उनकी सीटों से चुनावी मैदान में खड़ा किया है. बता दें कि यहां की तीनों सीटों पर कुल 13 उम्मीदवार उपचुनाव के लिए मैदान में उतरे हैं.

जहां कांग्रेस ने देहरा में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं उनको टक्कर देने के लिए भाजपा की ओर से होशियार सिंह मैदान में हैं. होशियार सिंह उन नौ विधायकों में से एक हैं जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ मतदान किया था.नालागढ़ में पूर्व निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर को कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा टक्कर दे रहे हैं.

राजनीतिक जानकार कहते हैं कि भाजपा से बागी हरप्रीत सैनी के मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. हरप्रीत निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को तीनों विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी.

तमिलनाडु

यहां विक्रवंडी विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है. 6 अप्रैल को डीएमके विधायक एन पुगाजेंथी के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी. डीएमके ने अन्नियुर शिवा को यहां से उतारा है तो वहीं एनडीए की सहयोगी पीएमके ने सी. अंबुमणि को उम्मीदवार बनाया है जबकि तमिल समर्थक पार्टी एनटीके ने डॉ. चुनाव में खड़ा किया है. तीनों उम्मीदवार वन्नियार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. दूसरी ओर एआईएडीएमके ने विक्रवंदी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव का बहिष्कार करने की पहले बात कही थी.

पश्चिम बंगाल

यहां चार सीटों पर चुनाव हो रहा है, इसमें रायगंज, रानाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला सीट शामिल हैं. टीएमसी ने 2021 के पश्चिम बंगाल चुनावों में मानिकतला सीट पर जीत हासिल की थी. तो दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने रायगंज, राणाघाट दक्षिण और बागदा में जीत हासिल की थी. बाद में भाजपा के विधायक टीएमसी में शामिल हो गए थे.

मतुआ बहुल निर्वाचन क्षेत्र बगदा में, टीएमसी ने मतुआ ठाकुरबाड़ी की सदस्य और पार्टी की राज्यसभा सांसद ममताबाला ठाकुर की बेटी मधुपर्णा ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया है. गौरतलब है कि फरवरी 2022 में मौजूदा टीएमसी विधायक साधन पांडे की मृत्यु हो गई थी. इस कारण मानिकतला में उपचुनाव हो रहा है. टीएमसी ने साधन पांडे की पत्नी सुप्ती को इस सीट से मैदान में उतारा है.

भाजपा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे को मानिकतला से, मनोज कुमार विश्वास को रानाघाट दक्षिण से, बिनय कुमार विश्वास को बगदाह से और मानस कुमार घोष को रायगंज से चुनावी मैदान में उतारा है. सत्तारूढ़ पार्टी ने रायगंज से कृष्णा कल्याणी और राणाघाट दक्षिण से मुकुट मणि अधिकारी को मैदान में उतारा है. कृष्णा कल्याणी, मुकुट मणि अधिकारी और विश्वजीत दास ने भाजपा से इस्तीफा देने के बाद टीएमसी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उनको हार का मुंह देखना पड़ा.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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