उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने उतरीं श्रीकला धनंजय सिंह का पर्चा खारिज हो गया. उन्होंने राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी बसपा से नामांकन किया था. पर्चा खारिज होने पर उनके करीबियों ने विरोधियों पर निशाना साधा है. धनंजय सिंह के एक परिजन के मुताबिक, श्रीकला के नामांकन के समय मात्र एक प्रस्तावक संतोष तिवारी रहे, क्योंकि ऐसा निर्वाचन गाइडलाइन में भी है. यदि वह निर्दलीय होतीं तो उनके 10 प्रस्तावक होते. इससे तस्वीर साफ हो जाती है कि उनका पर्चा खारिज हुआ. यह दावा धनंजय सिंह के राजनीतिक प्रवक्ता अशोक सिंह ने भी किया है.
धनंजय सिंह के पिता एवं पूर्व विधायक राजदेव सिंह ने कहा, “धनंजय सिंह की खातिर श्रीकला का टिकट बहन मायावती ने मेरे सामने फाइनल किया था, बाद में षड्यंत्र के तहत काट दिया गया, और बसपा घनश्याम खरवार ने आक्षेप इन्हीं पर लगाए कि टिकट वापस ले लिया. दरअसल, उनके जरिये पार्टी की हार का डर बाहर आया है.”
उन्होंने कहा कि खरवार के डर का परिणाम इसी महीने मिलेगा भी, तब साबित होगा कि धनंजय का प्रभाव जौनपुर की दोनों सीटों और पूर्वांचल में क्या है? इसमें षड्यंत्रकारी मुँह के बल गिरे नजर आएंगे. अशोक सिंह ने कहा कि अब दो दिन बाद जौनपुर की राजनीति में धनंजय सिंह नए तेवर, कलेवर में नज़र आएंगे, वह अपने समर्थकों-कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श करके कुछ बड़े कदम उठाएंगे.
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