बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को भतीजे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का फैसला वापस लेने के साथ ही उनके ‘राजनीतिक रूप से अधिक परिपक्व’ होने तक पार्टी पद से हटा दिया.
हाल ही में उनको चुनावी जनसभा के लिए कई जिलों में भेजा गया था, लेकिन सीतापुर में एक विवादित बयान के चलते उन पर एफआईआर दर्ज हो गई, जिसके बाद से उनको सभी जनसभाओं से दूर रखा गया और आज मायावती ने उनको बहुजन समाज पार्टी द्वारा दी गईं जिम्मेदारियो से पूर्ण परिपक्वता आने तक अलग कर दिया है.
एक्स पर पोस्ट की एक श्रृंखला में मायावती ने कहा “यह ज्ञात है कि बसपा एक पार्टी होने के साथ-साथ बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के स्वाभिमान और स्वाभिमान और श्री कांशीराम के सामाजिक परिवर्तन का एक आंदोलन भी है.”जी और मैंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है और इसे गति देने के लिए एक नई पीढ़ी भी तैयार हो रही है.” इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए, मायावती ने कहा कि उन्होंने आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक और राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था, “लेकिन पार्टी और आंदोलन के व्यापक हित में, उन्हें पूर्ण परिपक्वता प्राप्त होने तक इन दोनों महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है”.
बसपा प्रमुख ने कहा कि आकाश के पिता आनंद कुमार ‘पार्टी और आंदोलन में अपनी जिम्मेदारियां पहले की तरह’ निभाते रहेंगे. उन्होंने कहा, “बसपा का नेतृत्व पार्टी और आंदोलन के हित में और बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर तरह का बलिदान देने से पीछे नहीं हटेगा.”
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