बिहार में विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. नेताओं का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने भी इस उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे हैं. हालांकि उनके उम्मीदवारों पर कई तरह के सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
बिहार ही जिन चार सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी सीट शामिल है. इन सभी सीटों पर प्रशांत किशोर ने प्रत्याशी उतारे हैं. इन उम्मीदवारों की शिक्षा और आपराधिक इतिहास को लेकर चर्चा हो रही है.
जन सुराज पार्टी ने बेलागंज सीट से 55 वर्षीय मोहम्मद अमजद को उम्मीदवार बनाया है. अमजद पेशे से कृषि और कारोबार से जुड़े हुए हैं. उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की है. अमजद की ओर से दिए गए हलफनामे में बताया गया है कि उनके खिलाफ हत्या का प्रयास, रंगदारी और हमला करने का मामला दर्ज है. इन सभी मामलों में उन्हें अदालत से अब तक बरी नहीं किया गया है. मोहम्मद अमजद 2005 और उसके बाद 2010 में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.
इमामगंज सीट से जन सुराज पार्टी ने जितेंद्र पासवान को टिकट दिया है. जितेंद्र 12वीं पास हैं. उनके खिलाफ सबसे ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें अपहरण, धोखाधड़ी, मारपीट और चोरी शामिल है. हालांकि, जितेंद्र पासवान के खिलाफ दर्ज मामलों में कई जांच के दौरान फर्जी पाए गए, इसके अलावा अन्य केस में अदालत द्वारा निर्दोष करार दिए गए हैं.
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रामगढ़ विधानसभा सीट से प्रशांत किशोर ने सुशील कुमार सिंह कुशवाहा को प्रत्याशी घोषित किया है. सुशील कुमार पेशे से किसान हैं और 12वीं तक पढ़ाई की है. उनके खिलाफ हत्या का प्रयास, चेक बाउंस और हमला करने का मामला दर्ज है.
तरारी सीट से किरण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा गया है. किरण सिंह 10वीं तक पढ़ी हैं. किरण सिंह ही ऐसी एकमात्र उम्मीदवार हैं, जिनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला नहीं है. बाकी अन्य तीन प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि प्रशांत किशोर लगातार बिहार के जंगलराज और शिक्षा को लेकर बात करते हैं, उन्होंने तेजस्वी यादव के 9वीं पास होने को लेकर भी तंज कसा था. उम्मीदवारों पर उठ रहे इन सवालों के बीच प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि उनके चारों प्रत्याशी न तो अपराधी हैं और न ही बालू माफिया से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग किसी बड़े राजनीतिक परिवार से नहीं हैं और उनके माता-पिता भी विधायक या मंत्री नहीं हैं. सभी सामान्य परिवारों से आते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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