Rajput Mahapanchayat: लोकसभा चुनाव के पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होने जा रहा है. इससे पहले राजपूत समाज ने तमाम भाजपा नेताओं का बहिष्कार कर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. मंगलवार को उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के खेड़ा गांव में राजपूत समाज ने स्वाभिमान महापंचायत का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग इकट्ठा हुए.
महापंचायत के बाद भाजपा का विरोध करने का निर्णय लिया गया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को छोड़कर अन्य नेताओं के बहिष्कार की घोषणा की गई. यह भी घोषणा की भाजपा प्रत्याशी को हराने वाले कैंडिडेट को वोट किया जाएगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से को जीतने के लिए हर राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से दांव चलता रहा है. पहले भी कई बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूत समाज बीजेपी के खिलाफ पंचायत कर चुका है. मंगलवार को मेरठ जिले की सरधना विधानसभा क्षेत्र के गांव खेड़ा में महापंचायत की गई. ये गांव मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र के तहत आता हैं.
बता दें कि राजपूत समाज ने इस महापंचायत को बुलाकर कई मुद्दे उठाए हैं. समाज का कहना है कि लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण में उनको पूछा नहीं गया. समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने को लेकर भी ये महापंचायत हुई.
महापंचायत के निर्णय के बारे में पूरन सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि पंचों ने तय किया है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा का बहिष्कार किया जाएगा. जो भी राजनीति पार्टी समाज को हिस्सेदारी देगी और भाजपा प्रत्याशी को हराएगी, राजपूत समाज का वोट उसे ही जाएगा. उन्होंने ये भी बताया कि फिलहाल ये फैसला सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और कैराना लोकसभा सीट को लेकर किया गया है.
इस मौके पर राजपूत समाज के कई वक्ताओं ने एक दल के उम्मीदवार का समर्थन किया. समाज ने भाजपा पर सरकारी योजनाओं को लागू न करने, बढ़ती बेरोजगारी, अग्निवीर योजना और समाज का अपमान करने का आरोप लगाया. हालांकि समाज ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बहिष्कार नहीं किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी आवाज को केंद्रीय भाजपा नेतृत्व द्वारा नहीं सुना जा रहा है.
महापंचायत के दौरान राजपूत समाज ने समुदाय से आने वाले दो पूर्व प्रधानमंत्रियों – वीपी सिंह और चंद्रशेखर का नाम लेते हुए कहा कि अब तक इनको भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया है? महापंचायत में शामिल बबली शर्मा ने कहा कि 2013 में एक पंचायत हुई थी, जिसने भाजपा को आगे बढ़ने और सरकार बनाने में मदद की थी लेकिन बाद में उन्होंने ऊंची जातियों की अनदेखी की. यहां तक कि युवाओं के लिए न तो कोई नौकरी है और न ही कोई काम हो रहा है. लोग अग्निवीर योजना के खिलाफ हैं. अब यही धरती भाजपा के पतन का कारण बनेगी.
-भारत एक्सप्रेस
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