Calcutta High Court Ordered: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को YouTube (यूट्यूब) से भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी से अलग रह रहीं उनकी पत्नी हसीन (Hasin Jahan) जहां के खिलाफ अश्लील comments पोस्ट नहीं करने के लिए मना किया. साथ ही इससे पहले भी जो कंटेंट पोस्ट किए गए थे उन्हें भी डिलीट करने के निर्देश जारी किए.
कलकत्ता अदालत (Calcutta High Court) ने अपने आदेश में हसीन जहां (Hasin Jahan) से पुलिस को उन कंटेंट पोस्ट के बारे में बताने के लिए कहा जो उन्हें अपमानजनक लगती हैं, ताकि वे YouTube (यूट्यूब) से उन्हें हटाने के लिए कह सकें.
Justice राजशेखर मंथा (Justice Rajasekhar Mantha) ने कहा कि ऐसे ट्रोल्स की बड़ी संख्या को देखते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करना गलत होगा. हसीन जहां के वकील आशीष कुमार चौधरी ने बताया कि मॉडल (Model) और अभिनेत्री (Actress) ने 2019 में यह कहते हुए हाई कोर्ट (High Court) का रुख किया था. कि मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) के साथ चल रही कानूनी लड़ाई के कारण उन्हें और उनकी नाबालिग बेटी को YouTube और फेसबुक पर ट्रोलिंग, धमकी और डराने-धमकाने का शिकार होना पड़ा था.
बता दें कि मोहम्मद शमी ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू दिया था. उस इंटरव्यू में शमी ने हसीन जहां को लेकर अपने विचार प्रकट किए थे. आरोप है कि उस इंटरव्यू के बाद शमी के समर्थकों ने हसीन जहां के बारे में इंटरनेट पर आपत्तिजनक पोस्ट किए. हसीन जहां को धमकियां भी दी गईं.
पुलिस ने कहा कि उन्होंने हसीन जहां के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के लिए फेसबुक (Facebook) और यूट्यूब (YouTube) को लिखा था. पुलिस के मुताबिक, फेसबुक ने हसीन जहां के खिलाफ वाली पोस्ट हटा दीं, लेकिन यूट्यूब (YouTube) पर पोस्ट बने रहे.
हसीन जहां के वकील ने बताया, मोहम्दम शमी भारतीय टीम के स्टार क्रिकेटर हैं. उनके फॉलोवर्स ने सोशल मीडिया पर हसीन जहां के खिलाफ आपत्तिजनक comments किये है. और धमकियां के साथ अश्लील फोटो पोस्ट किए.
आशीष कुमार चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि हसीन जहां और उनकी नाबालिग बेटी को सड़कों पर डराया और धमकाया गया. इस घटना को हसीन जहां ने लालबाजार साइबर अधिकारियों को जानकारी दी.
हालांकि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.इसलिए हसीन जहां को मजबूरन हाई कोर्ट जाना पड़ा.
बता दें कि सुनवाई के दौरान हसीन जहां की ओर से वकील आशीष कुमार चौधरी ने कहा कि हसीन जहां एक अभिनेत्री हैं. उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट करना साइबर एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है. वकील ने आरोप लगाया कि पुलिस को सही कार्रवाई करनी चाहिए थी, जो पुलिस ने नहीं की.
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