मनोरंजन

ना तो इज्जत है और ना ही…’पंचायत’ 3 की इस एक्ट्रेस ने बताई इंडस्ट्री की काली करतूतें

Panchayat 3: बॉलीवुड अभिनेत्री सुनीता रजवार फिल्मों से लेकर सीरियल्स और वेब सीरीज में अपनी अदाकारी से हर किसी का दिल जीत लेती है. इस बीच’ पंचायत’ सीरीज में बनराकस की पत्नी का रोल करने वाली एक्ट्रेस सुनीता राजवार ने इंडस्ट्री में आर्टिस्ट्स के साथ होने वाले गंदे व्यवहार और उनके साथ हुए भेदभाव पर खुलकर बात की है.

सुनीता राजवार ने खोली इंडस्ट्री की पोल

पंचायत 3 की अभिनेत्री सुनीता रजवार इस साल कान्स फिल्म फेस्टिवल में शामिल हुई.उस दौरान उन्होंने इंटरव्यू में बात करते हुए कहा कि कैरेक्टर आर्टिस्ट और छोटे रोल निभाने वाले एक्टर्स के साथ जानवरों जैसा सुलूक किया जाता है. इस वजह से एक समय पर सुनीता ने काम से दो साल का ब्रेक लेने का फैसला किया था. उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में अक्सर लोगों को टाइपकास्ट कर दिया जाता है. सुनीता के मुताबिक ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वो कलाकार अपनी रोजी रोटी कमाने आते हैं और वो नखरे नहीं दिखा सकते हैं. उन्होंने कहा ये ‘ये दर्दभरा है, लेकिन सच है.’

सुनीत ने भेदभाव पर की बात

सुनीता के मुताबिक, सेट पर लीड एक्टर्स और सपोर्टिंग एक्टर्स के बीच काफी भेदभाव होता है. लीड स्टार्स को सभी सुख-सुविधाएं मिलती हैं और सपोर्टिंग रोल वालों के लिए कुछ खास इंतजाम नहीं किया जाता है. लीड एक्टर्स के पास अपने अनुसार टाइम चुनने का ऑप्शन रहता है.

सुनीता ने कहा कि वो अच्छे से समझती हैं कि बड़े स्टार्स के पास काम ज्यादा होता है और उन्हें महीने के 30 दिन शूटिंग करनी पड़ती है. कभी-कभी 24×7 भी काम करना पड़ता है. लेकिन, दूसरों के साथ होने वाला भेदभाव उन्हें नीचा महसूस करवाता है.

ये भी पढे़ं:77th Cannes Film Festival: भारतीय सिनेमा के लिए दुनिया भर में बिजनेस की नई पहल, देश में फिल्म निर्माताओं की सबसे बड़ी संस्था को मिला यह ऑफर

ना तो इज्जत है और ना ही…

पंचायत एक्ट्रेस ने हाल ही में बताया कि जिन एक्टर्स को छोटे-छोटे रोल मिलते हैं या फिर जो स्टार्स साइल रोल करते हैं. इंडस्ट्री में उनकी ना तो इज्जत होती है और ना ही उन्हों ढंग के पैसे ही मिल पाते हैं. एक्ट्रेस ने ये बात खुद को लेकर बोली है जिसे सुनने के बाद उनके फैंस भी हैरान है.

गंदी बेडशीट, गंदे वॉशरूम

राजवर ने आगे बताया कि अगर आपको नहीं पता है कि ‘किस आर्टिस्ट को किसके साथ शूट करना है तो बेसिकली उसे बाद में बुलाना चाहिए. वहां पर उन्हें बैठाने का क्या मतलब है. ऐसा लगता है कि वो आपको नीचा दिखा रहे हैं. उनके कमरे भी साफ सुथरे होते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि कमरे में फ्रिज, माइक्रोवेब और बाकी सुविधाएं होती हैं. लेकिन अगर मेरे जैसे आर्टिस्ट की बात करें तो एक छोटे से कमरे में 3-4 लोगों को बैठा देते हैं. छत की हालत ऐसी होती है कि कभी भी गिर सकती है. वॉथरूम और बेडशीट गंदी होती है. इन सब चीजों को देखकर बुरा लगता है.’

-भारत एक्सप्रेस 

Akansha

Recent Posts

ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर बने, इमरजेंसी पर उनका भाषण सुनकर PM मोदी ने की सराहना

संसद में लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर बनने के बाद ओम बिरला ने सांसदों के…

18 mins ago

Indian Railway: क्या अपने यूजर आईडी से दूसरे सरनेम वाले का टिकट बुक कराने पर हो सकती है सजा? जानें क्या कहता है IRCTC

IRCTC: ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम से सभी के लिए टिकट बुकिंग करना आसान हो गया…

1 hour ago

Om Birla: जानें ओम बिरला ने किस तरह रचा इतिहास? इन नेताओं के नाम भी दर्ज है ये उपलब्धि

Lok Sabha Speaker: नीलम संजीव रेड्डी ऐसे सांसद रहे हैं जो दो बार लोकसभा अध्यक्ष…

2 hours ago

क्या सच में जवाहर लाल नेहरू ने की थी आदिवासी लड़की से शादी? जानें, कैसे एक पल में बदल गई थी बुधनी मंझियाईन की जिंदगी

संथाल आदिवासी समाज ने बुधनी मंझियाईन का विरोध शुरू कर दिया. आदिवासी समाज ने एक…

2 hours ago