Tamil Nadu Fisherman Arrested: तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के 12 मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने 11 नवंबर को कथित तौर पर इस द्वीपीय देश के जलक्षेत्र में घुसकर मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया है. तमिलनाडु के तटीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि श्रीलंकाई नौसेना (Sri Lankan Navy) ने ‘अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा’ (IMBL) पार करने के आरोप में ये गिरफ्तारी की है.
राज्य मत्स्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, नागपट्टिनम के मछुआरे 10 नवंबर की रात को अक्कराइपेट्टई बंदरगाह से एक नाव पर सवार होकर रवाना हुए थे. वे कोडियाकराई के दक्षिण-पूर्व में मछली पकड़ रहे थे, तभी 11 नवंबर की शाम को श्रीलंकाई नौसेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
यह गिरफ्तारी श्रीलंका (Sri Lanka) के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) के सार्वजनिक बयान के कुछ समय बाद हुई है. दिसानायके ने भारतीय मछुआरों (Indian Fishermen) द्वारा कथित तौर पर द्वीपीय राष्ट्र के जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़कर श्रीलंका के समुद्री संसाधनों को नष्ट करने के बारे में चिंता व्यक्त की थी.
राष्ट्रपति ने इस तरह की घुसपैठ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. इस घटना से दो दिन पहले श्रीलंकाई नौसेना ने रामेश्वरम से 23 तमिल मछुआरों को हिरासत में लिया था और तीन मोटर नावों को जब्त कर लिया था.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (CM MK Stalin) ने इससे पहले 23 अक्टूबर को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर तमिल मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की थी.
सीएम स्टालिन के मुताबिक 128 तमिल मछुआरे वर्तमान में श्रीलंका में न्यायिक हिरासत में हैं और 199 मछली पकड़ने वाली मोटर नावों को जब्त कर लिया गया है.
पट्टाली मक्कल काची (PMK) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास ने भी केंद्रीय विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर से श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिल मछुआरों की लगातार बीच समुद्र में की जा रही गिरफ्तारियों पर ध्यान देने की अपील की.
हाल ही में श्रीलंका की यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने श्रीलंका सरकार के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और आगे की गिरफ्तारियों और नावों की जब्ती को रोकने के उपायों की वकालत की. इन बार-बार की गिरफ्तारियों के जवाब में तमिलनाडु भर में मछुआरा संघ के नेता बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
तमिलनाडु मीनावर पेरावई के महासचिव थजुधिन ने कहा कि तटीय जिलों में मछुआरा संघ इन लगातार हिरासतों के खिलाफ एकजुट रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे मछुआरों की आजीविका खतरे में है. मछली पकड़ने और उससे जुड़ी गतिविधियों पर निर्भर रहने वाले हजारों लोग गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. मछुआरों और उनके परिवारों में समुद्र में जाने को लेकर डर की भावना घर कर गई है.’
थजुधिन ने आगे कहा कि नई श्रीलंका सरकार तमिल मछुआरों से जब्त की गई मछली पकड़ने वाली मोटर नावों का राष्ट्रीयकरण करने जा रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि यह कार्रवाई मछली पकड़ने के उद्योग को तबाह कर सकती है, क्योंकि कई मछुआरों ने इन महंगी नावों को खरीदने के लिए कर्ज लिया था, वे अपनी मछली पकड़ने की आय से इस चुका रहे हैं.
रामेश्वरम के पंबन में भी मछुआरों ने विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर नागपट्टिनम के मछुआरों तथा श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए राज्य के अन्य मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करने की मांग की. उन्होंने तमिलनाडु के मछुआरों की लगातार गिरफ्तारी तथा उनकी मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त करने की घटनाओं पर भी शीघ्र रोक लगाने की मांग की.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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