Supreme Court on Delhi Air Pollution: दिल्ली वायु प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट 25 नवंबर को सुनवाई करेगा. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि ग्रेप 4 लागू रहेगा या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम उस दिन कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट पर भी विचार करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जनवरी में हम सिर्फ पराली जलाने और प्रदूषण का मुद्दे पर सुनवाई करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अगर संभव हुआ तो हम पूरा दिन इसी मुद्दे पर सुनवाई करेंगे. कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को कहा है. सीसीटीवी फुटेज में इन 13 एंट्री प्वाइंट पर ऐसा हुआ है. यहां पर चेकिंग के लिए कोई था ही नहीं. यह बड़ी लापरवाही है. कोर्ट ने बार के 12 युवा वकीलों को कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया है.
कोर्ट ने केंद्र सरकार से नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा है. जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार से पूछा हमें बताएं कि आप ट्रकों और मालवाहक वाहनों के प्रवेश को कैसे रोक रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के हलफनामे पर गौर किया. वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा हमने प्रदूषण के मुद्दों से संबंधित कई रिपोर्ट और अध्ययन प्रस्तुत किए हैं और हमने बताया है कि कैसे ये ट्रक रिश्वत देकर शहर में प्रवेश कर रहे हैं. दिल्ली सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमने 113 प्रवेश बिंदुओं पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया है. जिस पर जस्टिस अभय एस ओका ने कहा देखिए हम जो करने का प्रस्ताव कर रहे हैं, वह यह है कि हम केंद्र सरकार से शहर के 113 प्रवेश बिंदुओं पर पुलिस अधिकारियों को तैनात करने के लिए कहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा हमें बताएं कि क्या तंत्र स्थापित किया गया है कि शहर में प्रवेश करने के इच्छुक ये ट्रक वास्तव में आवश्यक चीजें ले जा रहे हैं या नहीं. कोर्ट ने कहा कि ग्रेप IV कहता है कि आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर अन्य ट्रकों को रोकें, आवश्यक वस्तुएं क्या हैं? दिल्ली सरकार के वकील ने विरोध करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि हम दिल्ली सरकार के हलफनामे से संतुष्ट नहीं है.
कोर्ट ने एंट्री प्वाइंट पर लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील मेनेका गुरुस्वामी से पूछा आप MCD के लिए उपस्थित होंगी? वरिष्ठ वकील मेनेका गुरुस्वामी ने कहा कि मैं पेश होती हूं लेकिन अभी मैं स्कूली बच्चें के माता-पिता के लिए उपस्थित हो रही हूं. जिसका हमने आज सुबह उल्लेख किया था. ASG अर्चना पाठक दवे ने कहा कि द हिंदू के आज के अखबार में जला हुआ क्षेत्र बनाम आग वाला क्षेत्र दिया गया है, वहां इतनी बड़ी विसंगति है.
ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि एक एजेंसी के रूप में इसरो बिना परीक्षण के किसी भी चीज़ का उपयोग नहीं कर सकता है. संगठन का कहना है कि उसे यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्रोटोकॉल बनाना होगा कि जलने का पता चल सके. कोर्ट ने कहा कि आग का पता लगाने के लिए पंजाब और हरियाणा के पास क्या प्रोटोकॉल या मशीनरी हैं? सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के वकीलों से कहा कि हमें पहले इस डेटा की जरूरत है.
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