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UP: योगी सरकार के प्रयासों का दिखने लगा असर, 169 निजी संस्थाएं यूपी के युवाओं को देंगी स्टार्ट-अप का प्रशिक्षण

UP: उत्तर प्रदेश के लोगों को स्किल्ड मैन पावर बनाए जाने के लिए योगी सरकार के प्रयास अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है. देश के 169 छोटे निजी संस्थान जल्द ही स्टार्टअप परीक्षण नीति 2023 के अंतर्गत प्रदेश के युवाओं के स्किल को निखार कर उन्हें स्टार्टअप के लिए तैयार करेंगे. राज्य कार्यकारिणी समिति से अनुमोदन के बाद निजी संस्थाएं सितंबर से प्रदेश में अपने केंद्रों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण देना शुरू करेंगे. गौरतलब है कि योगी सरकार निजी क्षेत्र में कार्यरत अधिक से अधिक संस्थाओं की उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन में सहभागिता बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है. स्टार्टअप के प्रति युवाओं के रुझान को देखते हुए स्टार्टअप प्रशिक्षण नीति 2023 को भी योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है.

200 से ज्यादा संस्थानों ने किया आवेदन

उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ाए जाने के लिए स्टार्टअप प्रशिक्षण नीति 2023 के अंतर्गत ऐसी समस्त निजी क्षेत्र के संस्थाओं को अवसर प्रदान किया जा रहा है जो कौशल प्रशिक्षण से अलग भी काम कर रही हैं, जिसके तहत जनवरी 2023 में विशेष आरएफई को प्रकाशित किया गया था . इस योजना के तहत 233 संस्थानों ने स्टार्टअप प्रशिक्षण प्रदाता के रूप में आवेदन किया था. प्रथम चरण में समस्त 233 आवेदनों के परीक्षण के बाद पाया गया कि 169 आवेदक स्टार्टअप प्रशिक्षण नीति आरएफई 2023 के अंतर्गत योग्य हैं, जिसके तहत संस्थाओं को आगामी राज्य कार्यकारिणी समिति में अनुमोदन प्रदान किए जाने के लिए प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद इन संस्थाओं से एमओयू हस्तांतरित किया जाएगा.

इंडस्ट्रियल रिक्वायरमेंट के अनुरूप होगा प्रशिक्षण

स्टार्टअप प्रशिक्षण नीति आरएसई 2023 के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता औद्योगिक मांग के अनुरूप होगी, जिसका लाभ यह होगा कि प्रशिक्षित युवाओं को अधिकाधिक अवसर मिलेंगे. नीति के अंतर्गत संचालित किए जाने वाले समस्त प्रशिक्षण कार्यक्रम एनसीवीटी से अनुमोदित हैं.

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बड़े स्तर पर छात्रों को मिलेगा प्रशिक्षण

कौशल विकास मिशन के तहत फ्लेक्सी कॉरपोरेट पार्टनर्स के तौर पर निजी संस्थाओं को जोड़कर आईटीआई या अन्य केंद्रों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा, लेकिन यह स्टार्टअप को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम है इसलिए छोटे निजी संस्थानों को आमंत्रित किया गया है. व्यवस्था ऐसी बनाई गई है जिसके तहत स्टार्टअप ट्रेनिंग पार्टनर कौशल विकास केंद्र या आईटीआई नहीं बल्कि अपने खुद के सेंटर खोल कर युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे. एमओयू होने के बाद इस प्रक्रिया के 20 अगस्त से शुरू होने की संभावना है, हर संस्थान के माध्यम से कम से कम ढाई सौ छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

 

Vikram Singh Rathore

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