दिन प्रतिदिन बदलती इस दुनिया में ज्यादातर लोग आज पैसे के पीछे पागल हैं. उनका यही पागलपन कभी-कभी उन्हें भारी मुसीबत में डाल देता है. ऐसा ही मोटी कमाई के चक्कर में भारत के कुछ युवाओं को फंसाने के जुर्म में पुलिस ने गिरफ्तारी की है. मुंबई पुलिस ने थाइलैंड में ‘ऊंची तनख्वाह’ वाली नौकरी दिलाने का लालच देकर 25 से अधिक भारतीय युवाओं को लाओस ले जाने और फिर वहां उन्हें साइबर अपराध करने के लिए मजबूर करने के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने मंगलवार इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि सिद्धार्थ यादव (23) की शिकायत पर जैरी जैकब (46) और उसके साथी गोडफ्रे एल्वारेस (39) को गिरफ्तार किया गया है.
अच्छी कमाई की आस ले आई परदेस
उनके अनुसार इस रैकेट के संबंध में 23 मार्च को मामला दर्ज किया गया था, जिसमें सन्नी नामक एक अन्य एजेंट का भी नाम है. पुलिस का कहना है कि जैकब इस रैकेट का सरगना है. अधिकारी के मुताबिक ठाणे के यादव एवं तीन अन्य लोग लाओस में भारतीय दूतावास की मदद से वहां से भारत लौट पाये हैं। ये चारों भी इस ठगी के शिकार हुए थे. यादव ने पुलिस को बताया कि वह अच्छी कमाई की आस में दिसंबर, 2022 में थाइलैंड गया था लेकिन उसे थाइलैंड की सीमा के समीप लाओस ले जाया गया.
आरोपियों ने की पिटाई
पुलिस अधिकारी ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि जैकब, एल्वारेस और सन्नी ने कथित रूप से यादव एवं करीब दो दर्जन भारतीयों को उन कॉल सेंटर में काम करवाया जहां से फर्जी सोशल मीडिया एकाउंट के जरिए यूरोप, अमेरिका और कनाडा में लोगों के साथ साइबर ठगी की जाती थी. यादव ने अपनी शिकायत में कहा कि कॉल सेंटर कर्मचारियों पर मामूली -मामूली बातों पर भारी जुर्माना लगाते थे. शिकायतकर्ता के अनुसार जब उसने और तीन अन्य ने अपनी वापसी के लिए लाओस में भारतीय दूतावास से संपर्क किया तब आरोपियों ने उनकी बुरी तरह पिटाई की. अधिकारी का कहना है कि भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप से स्थानीय पुलिस ने यादव समेत इन चारों को मुक्त कराया.
100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने की आशंका
मुंबई पुलिस ने आरोपियों को भादंसं के तहत डराने-धमकाने, गलत तरीके से बंधक बनाने, तस्करी और धोखाधड़ी को लेकर आरोपित किये हैं. एक अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपियों को सोमवार शाम को गिरफ्तार किया गया जब वे शहर में अपने परिवार के सदस्यों से मिलने आए थे. उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि वे कुछ दिनों के भीतर देश से भागने की कोशिश कर रहे थे. एक अन्य अधिकारी ने कहा, ऐसा संदेह है कि गिरोह के सदस्यों ने पिछले कुछ वर्षों में विदेशों में नौकरी का लालच देकर देशभर में 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगा है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 30 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
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