Delhi MCD Election: राजधानी दिल्ली के MCD चुनाव के दंगल के लिए जनता ने अपना वोट डाल दिया है. अब उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम (EVM) के कैद है. दिल्ली MCD चुनाव के नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे.लेकिन इस बार दिल्ली के लोगों ने मतदान पहले के मुकाबल कम किया है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका फायदा किस पार्टी को होगा. 4 दिसंबर को हुए मतदान में कुल 250 वार्डों में कुल 50.47 फीसदी मतदान हुआ है. जबकि पिछले MCD चुनाव में इस बार के मुकाबले 3 प्रतिशत मतदान ज्यादा हुआ था.
अब इस बार के मतदान को देखते हुए कई मायने निकाले जा रहे हैं. इससे पहले दिल्ली के निकाय चुनाव में 2017 में 53.55 प्रतिशत, 2012 में 53.39 और 2007 में 43.24 प्रतिशत मतदान हुआ था.
खबरों के मुताबिक इस बार पॉश इलाके में काफी कम वोटिंग हुई है. आमतौर पर पॉश इलाके में वोट प्रतिशत अच्छा रहता है. लेकिन इस बार काफी कम मतदान हुआ है. विधानसभा चुनावों में इन इलाकों के वोटरों ने आम आदमी पार्टी का भी अच्छा खासा समर्थन किया था. अब इसके कई मायने लगा जा रहे हैं कि किस पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा होगा. विधानसभा चुनाव में आप समर्थन मिला था तो इस बात से अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसका नुकसान आम आदमी पार्टी को हो सकता है. वो इस बात पर निर्भर करेगा कि किसने अपने वोटरों को ज्यादा बेहतर तरीके से पोलिंग बूथ तक पहुंचाया.
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कई लोगों का मतदाता सूची में नाम नहीं
दिल्ली MCD चुनाव में ये भी खबरें आई थी कि कई सारी जगहों पर वोटरों के नाम वोटिंग लिस्ट से गायब रहे थे. कई सारे वार्ड में परिसीमन की वजह से वोटरों को दो या फिर 3 बूथों के चक्कर काटने पड़े. तब जाकर उन्हें वोटिंग का मौका मिला. वहीं लगभग सभी पार्टियों के नेताओं ने अपने-अपने हजारों वोटरों के आखिरी समय में वोटर लिस्ट से नाम काटने की शिकायत दर्ज कराई. हालांकि इसकी वजह से किसी एक राजनीतिक पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा, ऐसा नहीं लगता है. क्योंकि नाम काटने की शिकायत लगभग हर तबके से आई है.
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