प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत को हर क्षेत्र में विकसित कर आत्मनिर्भर बनाएं. जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर पैदा हों और देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं और उद्यमियों को सशक्त बनाया जा सके. पीएम मोदी के इसी सपने को साकार करने में दिल्ली-एनसीआर के बेहतरीन संस्थानों में से एक नोएडा का जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जुटा हुआ है.
शिक्षा को बुलंदियों तक पहुंचाने की इस बड़ी मुहिम में JIIT को विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट का साथ मिला. इस सोच को साकार करने के लिए लिए नोएडा के सेक्टर 62 में स्थित जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी यानी JIIT कैंपस में आज (31 जनवरी) से 7th इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एडवांस इन बायोसाइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का शुभारंभ विज्ञान मंत्रालय के बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के सचिव डॉ. राजेश सुधीर गोखले ने किया. कार्यक्रम 2 फरवरी तक चलेगा. माना जाता है कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बायो टेक्नोलॉजी एक अहम कड़ी है. इसलिए जितनी तेजी के साथ इस सेक्टर का विकास होगा, इकोनॉमी भी उतनी ही तेजी के साथ बढ़ेगी.
कार्यक्रम में होंगे अलग-अलग सेशन
7th इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एडवांस इन बायोसाइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी कार्यक्रम के पहले दिन अलग-अलग सेशन होंगे. जिसमें इस क्षेत्र के विशेषज्ञ अपनी-अपनी राय रखेंगे. इस दौरान सबसे पहले सेशन में डॉ. नीरजा हजेला (हेड ऑफ साइंस एंड रेग्युलेटरी अफेयर्स एट यकूल्ट डैनोन इंडिया प्रा. लिमिटेड ), प्रोफेसर माइकल सैगनर, (एमडी, डायरेक्टर ऑफ द बोर्ड, यूरोपियन सोसायटी ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन, किंग्स कॉलेज लंदन), प्रोफेसर माइकल डेंक्वाह (डिपार्टमेंट ऑफ सिविल एंड केमिकल इंजीनियरिंग, यूनिवर्सिटी ऑफ तेनेसी, चट्टानोगा, यूएस) ने सत्र के दौरान अपने विचारों को साझा किया.
वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन यानी कि 1 फरवरी को सुबह 10 से 11 बजे तक डॉ. के कन्नन (चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर, वेल्स थेरेप्यूटिक्स इंक., बोस्टन, यूएसए, (इंडस्ट्री)), यति गुप्ता (सीईओ, फैबिओसिस, इनोवेशन) इनके अलावा डॉ. एरोकिआसामी अरुलांडू, (ग्रुप लीडर, मेंबरेन प्रोटीन, बायोलॉजी, आईसीजीईबी, नई दिल्ली) और डॉक्टर अपूर्वा कुमार साव (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, नई दिल्ली) सत्र के दौरान कार्यकम में अपने विचारों को रखेंगे. इसके बाद कार्यक्रम के तीसरे दिन यानी कि 2 फरवरी को डॉ. कर मुत्थूमनी (चीफ साइंटिफिक ऑफिसर, गेनेवन, लाइफ साइंस, यूएसए) टेक्निकल सेशन के दौरान अपने अनुभव साझा करेंगे.
बायो इकोनॉमी काफी तेजी से बढ़ता सेक्टर
बता दें कि भारत में बायो इकोनॉमी काफी तेजी से बढ़ रही है. एग्री फूड हो, हेल्थ हो या बात क्लाइमेट चेंज की करें, तो सभी का बायोटेक से कहीं न कहीं संबंध हैं, जो साथ मिलकर भविष्य की तकनीक बनने वाले हैं. वैसे तो साल 2017 से हर वर्ष जेपी इंस्टीट्यूट में इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाता रहा है, लेकिन इस बार का ये कार्यक्रम काफी अलग और ख़ास है. इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एडवांस इन बायोसाइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी कार्यक्रम का मकसद देश और दुनिया में चल रहे नए-नए रिसर्च और नई टेक्नोलॉजी के साथ-साथ संभावनाओं के बारे में जानकारी देना. जिसका फायदा इस विषय में रिसर्च करने वाले छात्रों को मिलने के साथ ही छात्र दुनिया के बेहतरीन छात्रों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सकें.
आयोजन से छात्र खुश
जेपी इंस्टीट्यूट कैंपस में बायोसाइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी पर आधारित इस कार्यक्रम के आयोजित होने से यहां पढ़ने वाले छात्र काफी खुश हैं, क्योंकि अब उन्हें इस कार्यक्रम के जरिये क्षेत्र के महारथियों को जानने और सुनने का मौका तो मिलेगा ही, साथ ही साथ इस बात की भी जानकारी मिलेगी कि बायो टेक्नोलॉजी की असीम संभावनाएं किन-किन क्षेत्रों में हैं. बायो टेक्नोलॉजी की संभावनाएं कितनी हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एग्री फूड हो, हेल्थ हो या बात क्लाइमेट चेंज की, हर क्षेत्र में इसकी संभावनाएं हैं. लिहाजा सरकार इसको लेकर काफी गंभीरता से काम कर रही है और कहा तो यहां तक जा रहा है कि आने वाला समय बायो टेक्नोलॉजी और उससे जुड़े लोगों का ही है.
दुनियाभर में चलाए जा रहे रिसर्च कार्यक्रम
बायो टेक्नोलॉजी हम सबकी ज़िंदगी का हिस्सा है. दुनिया के कई विकसित देशों में इसपर लगातार रिसर्च के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन अब भारत भी किसी मायने में पीछे नहीं है. नई तकनीक और रिसर्च के साथ इस सेक्टर के लोग काफी बेहतरीन काम कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि हमारा एक्सपोर्ट भी रफ्तार पकड़ रहा है और हर दिन बायो इकोनॉमी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है.
कॉन्फ्रेंस में JIIT के ये लोग रहे शामिल
इस अवसर पर JIIT के वाइस चांसलर प्रो. बी. आर मेहता और बायो टेक्नोलॉजी की प्रमुख प्रो. पम्मी ग्वाबा के अलावा बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट से ही प्रो. इंद्रा पी सारथी, प्रोफेसर डॉ. रचना, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. समृति गौर आदि की प्रमुख रूप से उपस्थिति रही.
-भारत एक्सप्रेस
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