अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) ने मंगलवार को 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष के लिए 14,217 करोड़ रुपये का परिचालन राजस्व दर्ज किया, जो सालाना 17 फीसदी ज्यादा है. कर के बाद तुलनीय लाभ (पीएटी) 12 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,197 करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया. पूरे वर्ष के लिए परिचालन ईबीआईटीडीए 5,695 करोड़ रुपये था, जो सालाना आधार पर 7 फीसदी ज्यादा रहा. जनवरी-मार्च अवधि (चौथी तिमाही) के लिए राजस्व 17 प्रतिशत बढ़ा और ईबीआईटीडीए 1,769 करोड़ रुपये रहा, जो 4 फीसदी ज्यादा (साल-दर-साल) पर समाप्त हुआ.
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के एमडी अनिल सरदाना ने कहा, “नई लाइनों को चालू करने में एईएसएल की लगातार प्रगति, साथ ही मजबूत ऊर्जा मांग और रुचि के क्षेत्रों में बाजार के अवसरों को पहचानने और उनका दोहन करने की हमारी क्षमता हमारे विकास को गति दे रही है और हमें भारत में ऊर्जा परिवर्तन में सबसे आगे रखती है.”
उन्होंने कहा, “हमें महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे को विकसित करने, नवीकरणीय निकासी की सुविधा के साथ-साथ मौजूदा ग्रिड को मजबूत करने में अपने योगदान पर गर्व है.”
कंपनी ने कहा कि वर्ष के दौरान चालू की गई वरोरा-कुर्नूल, करूर, खारघर-विक्रोली और खावड़ा-भुज ट्रांसमिशन लाइनों के योगदान से राजस्व वृद्धि मजबूत हुई, साथ ही मुंबई वितरण व्यवसाय में ऊर्जा खपत में वृद्धि हुई.
अनिल सरदाना ने कहा, “हाल के मूल्यांकन में सस्टेनलिटिक्स के 25.3 के ईएसजी स्कोर ने हमें शीर्ष 20 विद्युत उपयोगिताओं में से एक बना दिया और वैश्विक व उद्योग के औसत को पार करने में मदद की.”
कंपनी ने तीन राज्यों में फैली 1,756 सीकेएम की 765 केवी वरोरा-कुर्नूल लाइन (डब्ल्यूकेटीएल), 400 केवी खारघर विक्रोली लाइन (केवीटीएल) जो मुंबई की ग्रिड कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है और 765 केवी खावड़ा भुज (केवीटीएल) लाइन के साथ सबसे चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे को चालू किया और खावड़ा आरई पार्क के साथ पहली बार महत्वपूर्ण लिंक स्थापित कर रही है.
इस वर्ष, ट्रांसमिशन सेगमेंट के भीतर कंपनी ने अपनी पाइपलाइन में कई परियोजनाएं जोड़ीं, जैसे कि केपीएस -1 (खावड़ा पूलिंग स्टेशन), खावड़ा चरण-III पार्ट-ए और आरटीएम आधार के तहत मल्टीपल लाइन और सबस्टेशन संवर्द्धन परियोजनाएं, जिससे ट्रांसमिशन परियोजनाओं के लिए 17,000 करोड़ रुपये ऑर्डर बुक का विस्तार हुआ.
देशभर में मजबूत मांग के रुझान के अनुरूप, वित्तवर्ष 24 में अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई में ऊर्जा मांग (बेची गई इकाइयां) 9.4 प्रतिशत अधिक (साल-दर-साल) बढ़कर 9,916 मिलियन यूनिट हो गई. कंपनी ने कहा कि स्मार्ट मीटरिंग बिजनेस सेगमेंट के भीतर ऑर्डर बुक बढ़कर 22.8 मिलियन स्मार्ट मीटर तक पहुंच गई है, जिसमें 27,195 करोड़ रुपये की राजस्व क्षमता है.
बता दें कि अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड देश की सबसे बड़ी प्राइवेट ट्रांसमिशन कंपनी है, जिसकी मौजूदगी 17 राज्यों में है और इसका संचयी ट्रांसमिशन नेटवर्क 20,509 सीकेएम और 57,011 एमवीए परिवर्तन क्षमता है.
-भारत एक्सप्रेस
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