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अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर जमानत याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला किया सुरक्षित

दिल्ली शराब नीति मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट के अवकाशकालीन जज न्याय बिंदु ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर विरोध जताते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि वह हवा में जांच कर रही है। हमारे पास ठोस सबूत हैं। उनके पास करेंसी नोटों की तस्वीरें हैं, जो रिश्वत के तौर पर दिए गए पैसे का हिस्सा थे। इसके अलावा गोवा में सात सितारा होटल में केजरीवाल के ठहरने का भुगतान रिश्वत के पैसे से किया गया था।

केजरीवाल ने बताया खुद को निर्दोष

वहीं मामले में केजरीवाल ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए कहा ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी नहीं है, बल्कि कुछ राजनीतिक आकाओं के हाथों में खेल रही है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने उस अर्जी पर भी फैसला सुरक्षित रख लिया है जिसमें उन्होंने जेल में अपनी स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के लिए मेडिकल जांच के दौरान अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को वर्चुअल कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति देने की मांग की है। केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में कथित तौर पर रिश्वत के रूप में प्राप्त धन को लूटने की साजिश का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जो अब समाप्त हो चुकी 2021-22 की दिल्ली शराब नीति में जानबूझकर खामियां छोड़ने के बदले में प्राप्त हुआ है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि इन खामियों का उद्देश्य कुछ शराब विक्रेताओं को लाभ पहुंचाना था और प्राप्त रिश्वत का कथित तौर पर गोवा में आप के चुनाव अभियान के लिए इस्तेमाल किया गया था। केजरीवाल ने आरोपों से इनकार किया है और ईडी पर जबरन वसूली का रैकेट चलाने का आरोप लगाया है। आज बृहस्पतिवार को ईडी की और से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने जमानत याचिका के साथ-साथ केजरीवाल के इस दावे का भी विरोध किया कि आबकारी नीति मामले में केंद्रीय एजेंसी के आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई धन का निशान या सबूत नहीं है।

हमारे पास ठोस सबूत

एएसजी राजू ने आज कहा ऐसा नहीं है कि ईडी हवा में जांच कर रही है। हमारे पास ठोस सबूत हैं। उन्होंने कहा कि ईडी के पास करेंसी नोटों की तस्वीरें हैं, जो रिश्वत के तौर पर दिए गए पैसे का हिस्सा थे। उन्होंने कहा गोवा में सात सितारा होटल में केजरीवाल के ठहरने का भुगतान रिश्वत के पैसे से किया गया था। एएसजी राजू ने कहा हम कह रहे हैं कि उसी गोवा अभियान में रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल किया गया था। मामले में आरोपी चनप्रीत सिंह को भारी मात्रा में नकद राशि मिली थी और उसने अरविंद केजरीवाल के होटल का बिल चुकाया था। वह गोवा चुनाव को संभाल रहा था।

केजरीवाल का मोबाईल

राजू ने यह भी तर्क दिया गया कि केजरीवाल के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जा सकता है, क्योंकि वह अपने मोबाइल फोन के बारे में गुप्त रह रहे थे। एएसजी ने कहा प्रतिकूल निष्कर्ष इसलिए निकाला जाना चाहिए, क्योंकि केजरीवाल ने अपना पासवर्ड देने से इनकार कर दिया है। अगर वह अपना फोन दे देते हैं, तो बहुत सारे रहस्य सामने आ जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, भले ही वह व्यक्तिगत रूप से किसी अपराध में शामिल न हों।

एएसजी राजू ने इस संबंध में कहा आपने भले ही अपराध न किया हो, लेकिन आप, आप के मामलों के लिए जिम्मेदार हैं और अगर आप किसी अपराध के लिए दोषी है, तो आप भी अपराध के लिए दोषी हैं। यह पीएमएलए की धारा 70 के अनुसार है। सभी जानते हैं कि आप के मामलों के लिए एक व्यक्ति जिम्मेदार है और वह अरविंद केजरीवाल हैं।

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ईडी के आरोपों का कोई सबूत नहीं

वहीं केजरीवाल की और से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने कहा ईडी के आरोपों का कोई सबूत नहीं है। चौधरी ने तर्क दिया क्या ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है या कुछ राजनीतिक आकाओं के हाथों में खेल रही है? ईडी अपने सभी निष्कर्ष परिकल्पना के आधार पर निकालती है। यदि वे अभी भी सामग्री एकत्र कर रहे हैं तो यह एक अंतहीन जांच है। वे कहते हैं कि मैं आप का राष्ट्रीय संयोजक हूं और इसलिए मैं पार्टी द्वारा किए गए हर काम के लिए जिम्मेदार हूं। ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह दर्शाता हो कि आप को कभी 45 करोड़ रुपये मिले थे। यह सब अटकलों, पूर्वाग्रहों और मान्यताओं के दायरे में है। वे अभी भी गिरफ्तारी और मूल्यांकन कर रहे हैं, लेकिन यह बयान देते रहते हैं कि 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को किसी अन्य व्यक्ति के समान स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। चौधरी ने कहा मेरे साथ किसी खास व्यक्ति की तरह व्यवहार न करें। मैं नहीं चाहता कि मेरे साथ किसी खास व्यक्ति की तरह व्यवहार किया जाए। लेकिन मेरे साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप किसी सामान्य व्यक्ति के साथ करते हैं।

गोपाल कृष्ण

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