Asaduddin Owaisi ON CAA : लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है. सोमवार यानी कि 11 मार्च को केंद्र सरकार ने सीएए को लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब इसपर सियासी घमासान शुरू हो गया है. AIMIM अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सीएए लागू कर सरकार मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक घोषित करना चाहती है.
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर की है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि ”आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे. सीएए पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं. सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है, जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था.”
ओवैसी ने आगे लिखा, “सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें, लेकिन नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए. सरकार को बताना चाहिए कि उसने इन नियमों को पांच साल तक क्यों लंबित रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है. एनपीआर-एनआरसी के साथ, सीएए का उद्देश्य केवल मुसलमानों को टारगेट करना है, इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है.
मोदी सरकार ने वर्ष 2019 में देश के नागरिकता कानून में नए प्रावधान कर उसे संशोधित किया था. 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा द्वारा CAA पारित करने के बाद देश के कई हिस्सों में इस्लामिक संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया था. उत्तर प्रदेश, असम और केरल में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंसक विरोध किया. हालांकि, सरकार CAA को लागू करने पर दृढ़ थी.
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वहीं सीएए लागू होने के बाद कांग्रेस ने इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सीएए के जरिए लोकसभा चुनाव में ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है. सीएए आने से खासकर पश्चिम बंगाल और असम में ध्रुवीकरण की पूरी कोशिश सत्ता पक्ष की ओर की गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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