Ajit Pawar NCP Maharashtra: महाराष्ट्र की राजनीति में आज (रविवार को) बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है. राज्य में विपक्षी दल राकांपा (NCP) के नंबर-2 नेता माने जाने वाले अजित पवार एक घंटे के भीतर, बीजेपी ज्वॉइन करके महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए. यह सियासी घटनाक्रम इतनी तेजी से बदला कि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. यहां तक कि भतीजे अजित पवार के बारे में NCP के प्रमुख शरद पवार को भी कोई संकेत नहीं मिला.
पहले अपने आवास पर की बैठक, फिर राजभवन पहुंचे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजित पवार एक बैठक करने के बाद अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और फिर दोपहर ढाई बजे महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम की शपथ ली. इस दौरान राजभवन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडवणीस मौजूद थे. अजित पवार के अलावा NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के 9 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली, जिनमें धर्मराव अत्रम, सुनील वलसाडे, अदिति तटकरे, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, धन्नी मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल शामिल हैं. इनके अलावा NCP नेता प्रफुल्ल पटेल भी राजभवन में मौजूद रहे, जिन्हें शरद पवार का करीबी माना जाता है.
घंटेभर में ही 17 विधायकों को ले लिया अपने साथ
महाराष्ट्र में शिवसेना के एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं, वहीं बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम हैं. और, अब महाराष्ट्र को अजित पवार के रूप में एक और डिप्टी सीएम मिल गया है, और यह सब इतनी तेजी से हुआ कि घंटेभर में ही घटनाक्रम बदल गया. पता चला है कि अजित पवार ने अपने समर्थक विधायकों के साथ अपने आवास पर बैठक की थी. उसके बाद वह 17 विधायकों के साथ राजभवन रवाना हो हुए. वहां पहुंचकर, उन्होंने शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया और फिर, डिप्टी सीएम बन गए.
‘शरद पवार की NCP अब टूटने के कगार पर’
अजित पवार के कदम को NCP में बगावत के तौर पर देखा जा रहा है. राजनीति के कई जानकारों का कहना है कि भतीजे की बगावत के बाद अब शरद पवार की NCP टूट के कगार पर पहुंच गई है. आगे देखना यह होगा कि शरद पवार आगे किस तरह का कदम उठाते हैं. वहीं, अजित के भाजपा-शिवसेना को समर्थन देने और सरकार में शामिल होने से विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है. बताया जा रहा है कि शरद पवार ने अब अपने सभी निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.
‘चाचा के किले में भतीजे ने लगाई सेंध’
सोशल मीडिया पर लोगों के बीच महाराष्ट्र में हुए इस बड़े सियासी उलटफेर की चर्चा हो रही है. कुछ लोगों का कहना है कि ‘चाचा’ के किले में भतीजे ने सेंध लगाई और डिप्टी सीएम बनकर विपक्ष को ठेंगा दिखा दिया. वहीं, कुछ ने कहा कि बीजेपी-शिवसेना को समर्थन देने और सरकार में शामिल होने का अजित पवार (NCP) का फैसला 2024 से पहले विपक्षी एकता के लिए एक बड़ा झटका है. वहीं, कुछ लोग कह रहे हैं कि अजित की ओर से यह फैसला शरद पवार की मंजूरी के बिना नहीं लिया जा सकता था, शरद ने चुप रहकर खुद ये खेल करवाया है. और, यह सियासी खेल कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी को थोपने की कोशिश का नतीजा है.
शिवसेना और एनसीपी के टूटने की तुलना
कैसे टूटी शिवसेना
– बागी नेता का गुट- एकनाथ शिंदे
– विधायकों को समर्थन- 55 में से 40
– टूट की तारीख- 21 जून 2022
– शपथ- 30 जून 2022 को सीएम बने
– सांसदों का समर्थन- 19 में से 12
– गुट- पार्टी प्रमुख के करीबी साथ नहीं आए
कैसे टूटी एनसीपी
– बागी नेता का गुट- अजित पवार
– विधायकों को समर्थन- 53 में से 30
– टूट की तारीख- 2 जुलाई 2023
– शपथ- 2 जुलाई 2023 को मंत्री बने
– सांसदों का समर्थन- 5 में से 3
– गुट- पार्टी प्रमुख के कई करीबी साथ आए
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