उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली अंकिता भंडारी हत्याकांड का मामला कोटद्वार की जिला अदालत में चल रहा है. जिसको लेकर मृतका के मां-बाप ने सरकार की तरफ से मुकदमे की पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक को हटाने की मांग की है. परिजनों का आरोप है कि सरकारी वकील जितेंद्र रावत गवाहों को गुमराह करने और आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी और मां सोनी भंडारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से गुहार लगाते हुए कहा कि अगर जितेंद्र रावत को केस से नहीं हटाया गया तो पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर लेंगे.
वीरेंद्र भंडारी और मां सोनी भंडारी ने एक वीडियो जारी किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि वे लोक अभियोजक जितेंद्र रावत की कोर्ट में दी जा रही दलीलों से संतुष्ट नहीं हैं. अगर ऐसे ही चलता रहा तो उन्हें इस मामले में कुछ भी हासिल नहीं होगा. उन्होंने ये भी कहा कि इससे पहले भी जितेंद्र रावत को हटाने के लिए डीएम से उनके पति ने मुलाकात की थी और सीएम को भी पत्र लिखा था, लेकिन अब तक जितेंद्र रावत को केस से नहीं हटाया गया है. उनका ये भी आरोप है कि इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान कई बार बयानों में उलट-फेर करके केस को कमजोर करने की भरपूर कोशिश की गई है.
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इससे पहले भी जनवरी में अंकिता के माता-पिता ने मुख्य आरोपियों की पैरवी करने वाले सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता को हटाए जाने की मांग की थी. जिसके बाद सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया था. अब फिर से लगातार परिजन विशेष अभियोजक जितेंद्र रावत को हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है. परिवार ने तंग आकर आत्महत्या करने की धमकी दी है.
-भारत एक्सप्रेस
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