नई दिल्ली– टैरर फंडिंग और ट्रेनिंग कैम्प चलाने को मामले में NIA ने आज देश के लगभग 11 राज्यों में PFI कई के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है,जिस पर अब ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम, कुल हिंद मरकजी इमाम काउंसिल और मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया का बयान सामने आया है जिसमें कहा गया है कि क़ानून की अनुपालना और आतंकवाद की रोकथाम के लिए अगर यह कार्रवाई की गई है तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए. संगठनों ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर हत्या, हिंसा करने और हथियार रखने के आरोप गंभीर है. हालांकि इन आरोपों को अदालत में साबित करना होगा.
सभी संगठन ने कहा कि पिछले कई दिनों से पीएफ़आई की देश विरोधी गतिविधियों की लगातार ख़बरें सामने आ रही हैं. देश के मुसलमानों के लिए यह विचारणीय बिन्दु है कि मूल रूप से सलफ़ी वहाबी विचारधारा के साथ युवाओं को ब्रेनवॉश करने के पीएफ़आई के आरोपों पर ग़ौर करते हुए मुसलमानों को देश की स्थिरता और शांति के प्रयास में मदद करनी चाहिए.
आपको बता दें कि पीएफ़आई में कई पदाधिकारी पूर्व में प्रतिबंधित सिमी से ताल्लुक़ रखते हैं और सिमी भी कट्टर सलफ़ी वहाबी विचारधारा का ही पोषक रहा है. सभी संगठनों ने कहाकि पीएफ़आई और ऐसे सलफ़ी वहाबी संगठन देश की सूफ़ी बहुल जनसंख्या की मूल विचारधारा के विरुद्ध उन्हें बरगलाना चाहते हैं मगर यह स्थिति इस्लाम, देश और मानवता के हित में नहीं है. संगठनों ने भरोसा जताया कि उन्हें देश की न्यायिक व्यवस्था, क़ानून और संविधान में विश्वास है और किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होगी. गौरतलब है कि ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम और MSO ने 2018 में तत्कालीन गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह से मिलकर पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सबसे पहले मांग की थी.जिन संगठनों के नेताओं ने ये अपील जारी की है उनके नाम हैं मुफ्ती अशफाक हुसैन क़ादरी (चेयरमैन, ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम),डॉक्टर शुजात अली क़ादरी (चेयरमैन MSO), और सय्यद मुहम्मद रजवी (अध्यक्ष, कुल हिंद मरकजी इमाम काउंसिल).
-भारत एक्सप्रेस
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