Assam: देश के पूर्वोत्तर राज्य असम के कलाकारों की प्रतिभा का लोहा जल्द पूरा विश्व मानेगा. असम के लिए यह बेहद खास पल होगा जब लंदन स्थित प्रसिद्ध रॉयल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा में असमिया संगीतकार जॉय बरुआ की रचना पर 5 जुलाई को प्रस्तुति दी जाएगी. इस खास कार्यक्रम में असम के बेहतरीन गायक और संगीतकार जोई बरुआ द्वारा रचित कई गाने होंगे. बता दें कि बरुआ ने लैला मजनू, एजेंट विनोद, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा, मार्गरिटा विद ए स्ट्रॉ, और देव डी जैसे कई बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है.
बरुआ के अलावा भी कई कलाकार
बरुआ उन कई असमिया कलाकारों में से एक हैं, जो भारत के बाहर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हैं. उनके अलावा संगीत जगत में असम के दिव्यज्योति नाथ भी एक महत्वपूर्ण नाम हैं. बता दें कि इस बास गिटारवादक ने मुंबई में 15 से अधिक वर्षों तक काम किया है और विश्व मच पर अपने संगीत कार्यक्रमों के लिए लगभग 27 देशों की यात्रा की है. वहीं उन्होंने शंकर एहसान लॉय, साजिद-वाजिद, अदनान सामी, फरहान अख्तर, मोहित चौहान, राघव सच्चर और सलीम सुलेमान के अलावा दिवंगत के.के. जैसे बॉलीवुड दिग्गजों के साथ भी काम किया है.
इसके अलावा एक और असमिया कलाकार कल्पना पटोवरी की कजरी, चैता, विवाह गीत, सोहर, और नौटंकी सहित भोजपुरी लोक संगीत की अपनी एक श्रंखला है. वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शनों के माध्यम से सदियों पुरानी खादी बिरहा परंपरा को वैश्विक स्तर पर ले जाने वाली पहली भोजपुरी गायिका हैं. वहीं तेज़पुर में जन्मे निर्माता, कलाकार, और गीतकार, मृण्मय सरमा बरुआ (जिसे मेलोडी माफिया के नाम से भी जाना जाता है) जैसे अन्य लोग भी इस लिस्ट में शामिल हैं, जिनकी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अलावा लोगों ने उन्हें फीफा विश्व कप के दौरान इंग्लैंड के वेम्बली स्टेडियम और दोहा में अपनी कला का प्रदर्शन करते देखा.
इसे भी पढ़ें: मेघालय के CM संगमा ने ‘डेयर टू ड्रीम’ फुटबॉल अकादमी का किया शुभारंभ
असमिया संगीत को लेकर बहुत कुछ करना बाकी
जानकार मानते हैं कि असमिया संगीत को विश्व स्तर पर उसकी पहचान दिलाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है. प्रसिद्ध संगीतकार, निर्माता, वादक और रिकॉर्डिंग कलाकार, अंबर दास असम संगीत उद्योग में चुनौतियों पर कहते हैं कि, “हमारी बड़ी समस्या उचित बुनियादी ढांचे और अवसरों की कमी है. क्षेत्र के युवा कलाकारों का एक वर्ग बहुत अच्छा काम कर रहा है. जब उनकी कला की बात आती है तो वे ध्यान केंद्रित करते हैं और समझौता नहीं करते हैं और यह बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें उनकी प्रतिभा और शिल्प को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए एक सही वातावरण भी देना होगा.
स्वामी रामभद्राचार्य ने स्पष्ट किया कि "हमारा ध्यान सदैव धर्म के अनुशासन और सत्य पर…
मैट गेट्ज पर आरोप है कि उन्होंने फ्लोरिडा राज्य के रेप कानून और अन्य नियमों…
लखनऊ में इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकरों से लाखों के आभूषण और कीमती सामान…
CM योगी ने आज प्रयागराज में महाकुम्भ से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की, आवश्यक कार्यों…
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी के नाम पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के अंतिम दो मैचों में…
बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की आधिकारिक…