दिल्ली एक्साइज़ पॉलिसी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. अदालत ने 20 दिन के लिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी है. केजरीवाल को 2 जून को वापस सरेंडर करना होगा. मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जब केजरीवाल को राहत देने पर आपत्ति जाहिर की तो कोर्ट ने कहा कि अगस्त 2022 में ईडी ने इस केस में ECIR दर्ज की थी. लेकिन उनकी गिरफ्तारी इस साल 21 मार्च को हुई. इस दरम्यान डेढ़ साल का वक़्त था. ऐसे में केजरीवाल की गिरफ्तारी पहले या बाद भी हो सकती थी. खैर 21 दिन अगर वो जमानत पर बाहर रहते है तो इससे कोई फर्क नही पड़ता है. केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इससे पहले ईडी ने 9 बार केजरीवाल को समन जारी किया था. लेकिन केजरीवाल किसी भी समन पर पेश नही हुए.
अरविंद केजरीवाल के वकील ने कहा कि “उनकी अंतरिम जमानत को लेकर कोर्ट की तरफ से ऐसा कोई भी प्रतिबंध नहीं लगाया गया है कि वे चुनावी प्रचार में क्या कहेंगे क्या नहीं. 2 जून तक उन्हें अंतरिम ज़मानत दी गई है.
ईडी ने किया जमानत का विरोध
केजरीवाल को अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. मंगलवार को पीठ ने केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने का संकेत दिया. हालांकि, यह भी कहा गया था कि अगर अंतरिम जमानत दी गई तो केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में कोई भी आधिकारिक कर्तव्य निभाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर दलीलें सुन रही शीर्ष अदालत में प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी जमानत का विरोध किया था.
ईडी की दो साल की जांच में नहीं मिला कोई सबूत- आप
ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पिछली सुनवाई में पीठ से कहा था कि केवल इसलिए कोई विचलन नहीं हो सकता क्योंकि केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं और पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट राजनेताओं के लिए अपवाद बना रहा है. इस बीच, केजरीवाल की कानूनी टीम ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के विरोध में दायर ईडी के हलफनामे पर कड़ी आपत्ति जताई थी. केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर ईडी की आपत्ति पर सवाल उठाते हुए आप ने कहा कि यह सर्वविदित है कि कथित शराब घोटाले में ईडी द्वारा दो साल की जांच के बाद भी किसी को दोषी ठहराने वाला एक भी रुपया या सबूत “बरामद” नहीं किया गया है. आम आदमी पार्टी में. इसके अलावा, केजरीवाल की गिरफ्तारी का आधार अन्य आरोपित व्यक्तियों, जैसे मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, सरथ रेड्डी, सत्य विजय नाइक और एक पूर्व भाजपा सीएम के करीबी सहयोगी द्वारा दिए गए बयानों पर आधारित है.
-भारत एक्सप्रेस
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