-सौरभ अग्रवाल
Varanasi Gyanvapi: उत्तर प्रदेश के वाराणसी से ज्ञानवापी सर्वे से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. खबर सामने आ रही है कि वाराणसी के ज्ञानवापी से जुड़े दो मामलों में जिला जज आज आदेश देंगे. वहीं सर्वे के लिए एएसआई ने कोर्ट से 4 सप्ताह का और समय मांगा है. हालांकि 6 अक्टूबर को एएसआई को कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट देनी है.
जानकारी सामने आ रही है कि पहले मामले के मुताबिक, एएसआई की ओर से ज्ञानवापी परिसर में सर्वे को लेकर अदालत से चार सप्ताह का और समय मांगा गया है, जबकि दूसरा मामला ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी को सुपुर्द कर देने और सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से केस जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने से जुड़ा है. जिला जज ने उक्त दोनों मामलों में चार अक्टूबर को सुनवाई कर आदेश के लिए 5 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की थी तो वहीं एएसआई को 6 अक्टूबर को सर्वे रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी है.
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन अगस्त को दिए गए आदेश के बाद चार अगस्त से ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने को छोड़कर एएसआई सर्वे चल रहा है. सर्वे पूरा कर वाराणसी की जिला अदालत ने एएसआई को एक माह में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था, लेकिन सर्वे पूरा न होने पर सितम्बर के पहले सप्ताह में याची की ओर से वाराणसी के जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सर्वे के लिए और समय देने की अर्जी लगाई थी. इस पर वाराणसी के जिला जज ने एएसआई को समय देते हुए 6 अक्टूबर तक सर्वे कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था. छह अक्टूबर तक वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में एएसआई को सर्वे रिपोर्ट देना है, लेकिन सर्वे का काम जारी होने की वजह से एएसआई एक बार फिर जिला अदालत में सर्वे की समय सीमा बढ़ाने की अर्जी लगाई है. एएसआई की तरफ से चार सप्ताह का और समय मांगा गया है, जिस पर कोर्ट पांच अक्टूबर यानी आज अपना निर्णय सुनाएगा. इसके बारे में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि एएसआई सर्वे का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है. मलबे को हटाने और बारिश की वजह से काम में रुकावट आ रही है, जिसकी वजह से कोर्ट से चार हफ्ते का और समय मांगा है.
वहीं दूसरे मामले में ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में देने के वाद में दिए गए स्थानांतरण आवेदन पर जिला जज की अदालत से बुधवार को आदेश नहीं आ सका था. सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश के लिए अगली तिथि पांच अक्टूबर की नियत कर दी थी. यह वाद शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल किया गया है. इस वाद को भी जिला जज की ही अदालत में स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध किया गया है. इसे लेकर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने आपत्ति दर्ज कराई है कोर्ट ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनी और कोर्ट इस पर पांच अक्टूबर को आदेश दे सकता है. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया की शैलेंद्र कुमार व्यास का परिवार सैकड़ों साल से तहखाने में पूजा- पाठ और राग, भोग करता रहा है, लेकिन 1993 में बैरिकेडिंग के बाद उनके परिवार को बेदखल कर दिया गया जिसको लेकर हम लोगों ने तहखाना जिलाधिकारी को सुपुर्द करने की मांग की है. जिस पर कोर्ट पांच अक्टूबर को आदेश दे सकता है.
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