Atiq-Ashraf News: अतीक-अशरफ की मौत के कई महीने बाद भी उसके काले कारनामों का खुलासा लगातार हो रहा है. बेनामी संपत्तियों के मामले में एक और खुलासा सामने आया है. बेनामी सम्पत्ति मामले में आठ हजार महीने कमाने वाले जिस सफाईकर्मी का नाम सामने आ रहा था वह आठ करोड़ की संपत्ति का मालिक निकला है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक उसके नाम पर फूलपुर व हंडिया तहसील के साथ ही नैनी में भी करोड़ों की जमीनों का बैनामा कराए जाने के बड़े सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं. फिलहाल पुलिस को इस तरह की पांच जमीनों के बारे में ही अभी मालूम हुआ है, अन्य सम्पत्तियों के मामले में पुलिस अभी जांच कर रही है.
बता दें कि इस मामले में एक ताजा शिकायत के तहत खुलासा हुआ है. एक दिन पहले ही नवाबगंज के करोली निवासी सफाईकर्मी श्यामजी सरोज ने माफिया भाइयों के चार करीबियों पर मुकदमा दर्ज कराया है. इसी के बाद से इस सफाई कर्मी की लगातार चर्चा हो रही है. फिलहाल उसने पुलिस से की शिकायत में आरोप लगाया कि इन चारों ने उसे बंधक बनाकर जबरन दस्तखत करवाए और अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्तियों का बैनामा उसके नाम पर करा दिया था. दोनों की मौत के बाद से ही इन संपत्तियों का बैनामा करने का दबाव भी उस पर बनाया जा रहा था. इसके बाद से पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है. फिलहाल सफाईकर्मी ने इस मामले में अपने मालिक, माफिया के गुर्गों जावेद, उसके भाई कामरान व फराज अहमद खान निवासी जीटीबी नगर करेली के साथ ही शुक्ला जी नाम के एक शख्स पर नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है. बता दें कि तीन साल पहले जब इन जमीनों का बैनामा कराया गया, तब सफाईकर्मी महीने में मात्र आठ हजार रुपए कमाता था.
पुलिस सूत्रों क मानें तो सफाईकर्मी के नाम पर फिलहाल पांच जमीनों का बैनामा कराने की बात सामने आई है. उसके मुताबिक दो जमीनें हंडिया व फूलपुर के सरायइनायत में स्थित हैं तो वहीं तीन अरैल के मीरखपुर उपरहार व मवैया में. इन जमीनों की कीमत वर्तमान में करीब आठ करोड़ बताई जा रही है. फिलहाल पुलिस इन संपत्तियों की और भी जानकारी खंगालने में जुटी हुई है. डीपीपी नगर दीपक भूकर ने बताया कि राजस्व प्रशासन के सहयोग से इन सभी का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा. इन संपत्तियों को अपराध से अर्जित संपत्ति मानकर इन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क भी कराया जाएगा.
पुलिस पूछताछ में सफाईकर्मी श्यामजी सरोज ने शुक्रवार को बड़े खुलासे किए. उसने बताया कि 15 साल पहले सफाईकर्मी श्याम जी सरोज आरोपियों के घर पर रहकर साफ-सफाई का काम करता था. वह आगे बोला कि इसी दौरान आरोपियों ने मिलकर अतीक अहमद और अशरफ के काले कारनामों से हासिल जमीन को उसके नाम से रजिस्ट्री करा दी. जब उसने मना किया तो उसे डराया गया. उसने ये भी बताया कि आरोपियों ने उसके नाम पर आईसीआईसीआई बैंक में खाता खुलवाया था. उसकी चेकबुक, एटीएम व पासबुक आरोपी अपने पास ही रखते थे और ब्लैंक चेक पर उसके हस्ताक्षर करा लिए थे. सफाईकर्मी ने बताया कि आरोपी उसे अक्सर एनआई एक्ट के तहत नोटिस भी भेजते थे. ताकि अगर वह इस मामले में किसी के सामने कोई खुलासा करना चाहे या फिर कहीं भागना चाहे तो उसे कानून के तहत फंसाया जा सके.
-भारत एक्सप्रेस
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