नरेंद्र मिश्र
Ballia District Hospital: बलिया जिले की बुरी व्यवस्था की भेंट यहां के मरीज चढ़ रहे हैं. यहां के हड्डी वार्ड से एक गम्भीर मामला सामने आ रहा है. मरीजों का इलाज डाक्टरों के करने के बजाय वार्ड ब्वॉय और ट्रेनर कर रहे हैं. अस्पताल के हड्डी वार्ड से सामने आए चौंकाने वाले मामले में, यहां पर एक वार्ड ब्वॉय मरीजों को प्लास्टर चढ़ा रहा है तो वहीं खुद को ट्रेनर बताने वाला युवक मरीजों की हड्डी सही करने का दावा कर रहा है. मरीजों का आरोप है कि उनको डॉक्टर तो मिलते ही नहीं हैं, यही लोग हमेशा काम करते दिखाई देते हैं. इस पूरे मामले में जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.
बता दें कि सरकार स्वास्थ्य को लेकर तमाम योजनाएं लागू कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है. बलिया जिला अस्पताल में लापरवाही किस तरह है देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है, कि मंगलवार को जिला अस्पताल के हड्डी वार्ड में ट्रेनिंग कर रहा युवक और वार्ड ब्वॉय ही प्लास्टर करते हुए नजर आए. हड्डी वार्ड में काम कर रहे युवक ने बताया कि ट्रेनिंग करने वाले लड़के हैं. लड़के ने यह भी बताया कि डॉक्टर संतोष चौधरी की ड्यूटी है. बता दें कि मंगलवार को हड्डी वार्ड में वार्ड ब्वॉय तथा ट्रेनिंग करने वाला ही वार्ड में मरीजों का इलाज करते नजर आया. इस सम्बंध में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा है कि, मामला संज्ञान में आया है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. एक मरीज के परिजन ने इस मामले में बताया कि डॉक्टर को दिखाकर हड्डी वार्ड में आए थे, लेकिन यहां कोई नहीं है. बांसडीहरोड थाना क्षेत्र के बड़की सेरिया निवासी पीड़ित परिजन की माने तो डॉक्टर को दिखाने के बाद ही हड्डी वार्ड में आए थे. यहां डॉक्टर रहना चाहिए लेकिन कोई नहीं है. तो वहीं वार्ड बॉय ने कहा कि, प्लास्टर कोई भी कर सकता है यहां पर. मौके पर वार्ड ब्वॉय उदय तिवारी ने बताया कि डॉक्टर साहब लिखकर प्लास्टर के लिए भेजे थे. इतने पर सवाल हुआ कि क्या प्लास्टर वार्ड ब्वॉय कर सकते हैं. इस पर वार्ड ब्वॉय उदय तिवारी ने कहा कि डॉक्टर साहब लोग ड्यूटी पर ही हैं. एक साहब ने प्लास्टर के लिए भेजा था.
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मंगलवार को हड्डी वार्ड में मरीज के टूटी हुई हड्डी पर पट्टी बांधते हुए युवक से पूछा गया कि आप क्या हैं ? जवाब था ट्रेनिंग करने वाले लड़के हैं. यह भी पूछा गया कि डॉ संतोष कुमार की ड्यूटी है उसमें भी हामी भरी. इसके बाद उससे ट्रेनिग कार्ड मांगा गया तो वह बोला कागज घर पर है, फिर पूछा गया डॉक्टर कोई नहीं है. जवाब था नहीं, खुद को फेफना गांव निवासी बताते हुए युवक ने कहा वो ही यानी डॉक्टर ने ही कहा है उससे प्लास्टर करने के लिए.
-भारत एक्सप्रेस
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