Kanpur: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) जिले में स्थित पॉलिटेक्निक संस्थान से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां पर प्रिंसिपल ने छात्र-छात्राओं के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है. यानी अब अगर संस्थान में जींस-स्कर्ट या फिर कोई अन्य परिधान पहनकर प्रवेश करते हैं तो रोक लगा दी जाएगी. सभी छात्र-छात्राओं को ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं और अगर कोई ड्रेस कोड का पालन करते नहीं मिला तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि पॉलिटेक्निक में लागू हुआ ड्रेस कोड सोशल मीडिया से लेकर हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन शिक्षण संस्थानों का कहना है कि कॉलेज की गरिमा बनाए रखने के लिए ड्रेस कोड का होना जरूरी है. इससे विद्यार्थी जब एक ही ड्रेस में रहते हैं तो उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है. इसी वजह से कानपुर के राजकीय पॉलिटेक्निक कानपुर में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अब पाश्चात्य सभ्यता के कपड़ों को पहनकर संस्थान में आने के लिए पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. कुल मिलाकर बच्चे अब जींस और टाइट फिटिंग के कपड़े पहनकर संस्थान में प्रवेश नहीं कर सकेंगे.
राजकीय पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल मुकेश चंद्र आनंद ने मीडिया को जानकारी दी कि किसी भी शिक्षण संस्थान की पहचान उसकी ड्रेस से होती है इसलिए सभी छात्रों को इसका पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल दो अक्टूबर (गांधी जयंती) के दिन यानी आज ड्रेस कोड में छूट छात्र-छात्राओं को दी गई है. उन्होंने बताया कि, संस्थान की ओर से स्टील ग्रे कलर की पेंट, सफेद शर्ट और ब्लू कलर का ब्लेजर या जैकेट को ड्रेस कोड में शामिल किया गया है. फिलहाल फर्स्ट ईयर के छात्रों की कक्षाएं 15 सितंबर से शुरू हो चुकी हैं और सभी छात्र-छात्राओं को ड्रेस कोड के बारे में पहले से ही जानकारी दी जा चुकी है. साथ ही प्रिंसिपल ने कहा कि, अगर छात्र संस्थान द्वारा जारी यूनिफार्म को पहन कर नहीं आते हैं तो उनको संस्थान के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके लिए में गेट पर शिक्षक की ड्यूटी भी लगाई गई है.
प्रिंसिपल ने मीडिया को जानकारी दी कि, संस्थान में गुटखा-तंबाकू और धूम्रपान करने वाले छात्रों पर भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं. जो भी स्टुडेंट्स संस्थान के अंदर धूम्रपान करता पकड़ा जाएगा. उस पर कार्रवाई की जाएगी. प्रिंसिपल ने कहा कि, संस्थान के रूल रेगुलेशन फॉलो ना करने वाले स्टाफ व छात्र-छात्राओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. तो दूसरी ओर इस पूरे प्रकरण में विद्यार्थियों की अपनी-अपनी राय सामने आई है. कोई विद्यार्थी इसे अनुशासन का एक हिस्सा बता रहे हैं और ड्रेस कोड को सही ठहरा रहे हैं तो वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि ड्रेस कोड को लेकर उनके ऊपर बेवजह दबाव बनाया जा रहा है, जो कि सही नहीं है.
-भारत एक्सप्रेस
Bihar BJP president Dilip Jaiswal: बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद…
आप विधायक अमानतुल्ला खान को ओखला स्थित उनके आवास पर ईडी की छापेमारी के बाद…
यूपीएससी ने अपने आवेदन में आरोप लगाया है कि खेडकर ने अग्रिम जमानत याचिका में…
पार्टी के बनने से पहले प्रशांत किशोर लगातार घोषणाएं भी कर रहे हैं. ऐसा ही…
हेमंत सोरेन ने कहा कि अगले 5 वर्ष में हर घर को मजबूत करने का…
IND vs BAN, 1st Test: भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज हो…