देश

फूलन देवी: चंबल के बीहड़ों से होते हुए संसद तक पहुंचने का सफर

80 के दशक में फूलन देवी (Phoolan Devi) एक ऐसा नाम था, जो देश के सबसे दुर्दांत दस्यु सरगनाओं में शीर्ष पर था. उस जमाने में चंबल के डरावने बीहड़ फूलन देवी के खौफ से और भी भयानक लगते थे.

आतंक का पर्याय कही जाने वाली फूलन देवी का जन्म 10 अगस्त 1963 को उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के गोरहा का पुरवा गांव में हुआ था. उनका परिवार मल्लाह जाति में आता था, जो हिंदू जाति व्यवस्था में निचले पायदान पर आता है. मल्लाह पारंपरिक रूप से मछुआरे के रूप में काम करते हैं.

बचपन के दिन

फूलन की चार बहनें और एक भाई थे. उनकी मां का नाम मूला और पिता देवीदीन थे. उनके परिवार का उनके चाचा बिहारी लाल से जमीन को लेकर विवाद था. चाचा और उनके बेटे मैयादीन ने रिश्वत देकर उनकी जमीन हड़प ली थी, जिसके कारण फूलन के परिवार को एक छोटे से घर में रहने को मजबूर होना पड़ा था.

उस जमीन को लेकर 10 साल की उम्र में फूलन का चचेरे भाई मैयादीन से विवाद हो गया था, जब उसने फूलन को इतना मारा था कि वो बेहोश हो गई थीं. ये विवाद आगे न हो इसके लिए जल्द ही फूलन की शादी एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति पुत्तीदीन से करा दिया गया.

डकैतों से संपर्क

कहा जाता है कि शादी के बाद फूलन ने अपने अधेड़ पति के साथ यौन संबंधों से इनकार ​कर दिया और ससुराल में कुछ समय बाद बीमार पड़ गईं. उन्हें खसरा हो गया था तो उनके माता-पिता उन्हें अपने घर ले आए. उस जमाने में पति का घर छोड़कर आना बुरा माना जाता था और तमाम लांछन लगाए जाते थे.

इसके बाद फूलन को एक दूर के रिश्तेदार से पास रहने के लिए भेज दिया गया. जहां उनकी मुलाकात अपने विवाहित चचेरे भाई कैलाश से हुई, जो डकैतों के लिए काम करता था. कहा जाता है कि यहीं से फूलन का डकैतों के साथ संपर्क बढ़ा था.

फूलन देवी.

जब डाकू बन गईं

जुलाई 1979 में बाबू गुज्जर के नेतृत्व में डाकुओं के एक गिरोह ने फूलन देवी को उनके परिवार के घर से अगवा कर लिया. गुज्जर ने इस दौरान बार-बार उनके साथ बलात्कार किया. गिरोह के दूसरे नंबर का कमांडर विक्रम मल्लाह, फूलन देवी का मुरीद हो गया, इसलिए उसने गुज्जर की हत्या कर दी और गिरोह का सरदार बन गया.

उसने फूलन देवी को राइफल चलाना सिखाया और दोनों में प्यार हो गया. अगले साल तक इस गिरोह ने वाहनों के साथ उच्च जाति के गांवों को लूटा. उन्होंने अपने पूर्व पति पुत्तीलाल का पता लगाया और उसे हिंसक तरीके से दंडित किया. जैसे-जैसे फूलन देवी के कारनामों की खबर फैली, वह निचली जातियों में लोकप्रिय हो गईं, जिन्होंने उन्हें दस्यु सुंदरी नाम दे दिया. उन्हें रॉबिनहुड भी कहा जाने लगा क्योंकि वे अमीरों को लूटकर सारा सामान गरीबों में बांट देती थीं.

वि​क्रम मल्लाह की हत्या

खैर दिन हमेशा एक जैसे नहीं रहने वाले थे. गिरोह के एक पूर्व सरदार श्रीराम सिंह को 1980 में जेल से रिहा किया गया था. वह ठाकुर यानी उच्च जाति के थे. इसके बाद गिरोह में सत्ता का संघर्ष शुरू हुआ और श्रीराम ने वि​क्रम मल्लाह की हत्या कर दी और फूलन देवी को बंधक बना लिया.

फिर उन्हें कानपुर देहात जिले के ​सुदूर बेहमई गांव ले गया, जहां अन्य ठाकुरों के साथ उनका बार-बार बलात्कार किया गया. इतना ही कहा जाता है कि फूलन को गांववालों के सामने नग्न अवस्था में कुएं से पानी भरने के लिए भी मजबूर किया गया.

बेहमई हत्याकांड

किसी तरह से फूलन ठाकुरों के चंगुल से चंबल के बीहड़ों की ओर भागने में कामयाब हो गईं और ठाकुरों से अपने अपमान का बदला लेने की प्रतिज्ञा भी ली. इसके बाद उन्होंने डाकुओं का खतरनाक गिरोह तैया​र किया और 14 फरवरी 1981 को वापस बेहमई गांव आ धमकीं.

यह दिन बेहमई के साथ ही देश के खौफनाक दिनों में शामिल है. ये दोपहर बाद का समय था, जब फूलन के गिरोह ने गांव को पूरी तरह से घेर लिया था और 20 लोगों को लाइन से खड़ा कराकर डाकुओं ने उन्हें गोलियों से भून दिया था. कहा जाता है कि इनमें से 17 ठाकुर जाति के थे.

इस घटना से पूरे देश में हड़कंप मच गया था. 4 से 5 मिनट तक उन पर गोलियां चलाई गई थीं. इसके बाद डकैत वहां से भाग निकले थे. गांव से बस औरतों और बच्चों के रोने की आवाज आ रही थीं और गांव के आसमान पर कौए मंडराने लगे थे.

दो साल बाद आत्मसमर्पण

उस समय उत्तर प्रदेश में विश्वनाथ प्रताप सिंह यानी वीपी सिंह की सरकार थी. बेहमई हत्याकांड ने कानून व्यवस्था को ​बुरी तरह से हिलाकर रख दिया था. पूरा सिस्टम फेल होता नजर आ रहा था और फूलन देवी पुलिस और प्रशासन की गिरफ्त से दूर थीं. फूलन देवी को जिंदा या मुर्दा पकड़ना पुलिस के लिए एक चुनौती बन गई थी.

इधर, फूलन के लिए पुलिस के साथ ठाकुर जाति के लोगों से भी खतरा बढ़ता जा रहा था. हालांकि फूलन पकड़ में नहीं आ सकीं. कहा जाता है कि इस दौरान वीपी सिंह के जज भाई की डकैतों के गिरोह ने हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद 28 जून 1983 को वीपी सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने ​के लिए मजबूर होना पड़ा था.

बेहमई घटना के तकरीबन 2 साल बाद 13 फरवरी 1983 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के कहने पर फूलन ने अपने गिरोह के कुछ सदस्यों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था.

जेल से रिहा और सांसद बन गईं

आत्मसमर्पण के बाद फूलन देवी कुल मिलाकर 11 साल तक जेल की सलाखों के पीछे रहीं. फिर जब मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा की सरकार उत्तर प्रदेश थी तो उनके हस्तक्षेप से साल 1994 में फूलन जेल से रिहा हो गईं. कहा जाता है कि इसके बाद मुलायम ने ही फूलन को राजनीति की राह दिखाई, जिसके बाद 1996 में वह मिर्जापुर से सांसद चुनी गईं. वह लगातार वह दो बार सांसद रहीं.

दूसरी बार सांसद रहने के दौरान 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा ने दिल्ली स्थित आवास पर फूलन देवी की हत्या कर दी. उनकी हत्या बेहमई के ठाकुरों की हत्या का बदला लेने के ​इरादे से की गई थी. इस तरह चंबल के बीहड़ों से शुरू हुआ उनका सफर राजनीति के गलियारों से होता हुआ खत्म हो गया.

-भारत एक्सप्रेस

Prashant Verma

Recent Posts

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलकर दी बधाई

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर…

1 hour ago

कुवैत यात्रा के समापन पर PM Modi को कुवैत के प्रधानमंत्री ने दी विशेष विदाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत की अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा समाप्त की, जिसे कुवैत…

2 hours ago

भारत के बिना दुनिया वास्तव में आगे नहीं बढ़ सकती: पूर्व जर्मन राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर

वाल्टर जे. लिंडनर के अनुसार, भारत ने अपनी 'सॉफ्ट पावर' से एक अधिक आक्रामक विदेश…

2 hours ago

Mahakumbh 2025: CM योगी के निर्देश पर महाकुंभ में स्वच्छता के विशेष इंतजाम, स्पेशल ऑफिसर करेंगे संतों और श्रद्धालुओं की हिफाजत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार के महाकुंभ को हर बार के कुंभ…

3 hours ago

UP में फिर चली IPS तबादला एक्सप्रेस, कई जिलों के कप्तान इधर से उधर..!

ट्रांसफर आदेश में कहा गया है कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को स्थानांतरित किया…

3 hours ago

World’s Most Expensive Cities: दुनिया में रहने के लिए इस साल कौन-से शहर सबसे महंगे? Forbes से जानिए

लीडिंग कंसल्टिंग फर्म मेरसर (Mercer) द्वारा वर्ष 2024 के लिए जारी किए गए कॉस्‍ट ऑफ…

3 hours ago