बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार (5 अगस्त) शाम 5:36 बजे दिल्ली के पास हिंडन एयरपोर्ट पर उतरीं. इससे कुछ समय पहले ही देश में बढ़ते विरोध और हिंसा के बीच उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वह अपनी बहन के साथ यहां पहुंची हैं. इस कदम के साथ बांग्लोदश में उनके 15 साल के शासन का अंत हो गया.
माना जा रहा है कि शेख हसीना अब नई दिल्ली से किसी अन्य देश के लिए रवाना हो सकती हैं. सूत्रों का कहना है कि शेख हसीना लंदन जाने की तैयारी कर रही हैं. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ब्रिटेन की सरकार से शरण मांगी है.
सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश के अनुरोध के बाद भारत ने हसीना के विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र से सुरक्षित रास्ता देने का फैसला किया. भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली बांग्लादेश में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है.
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने टीवी पर दिए एक बयान में कहा कि देश में एक अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी. उन्होंने कहा, ‘हम सभी हत्याओं की जांच करेंगे और जिम्मेदार लोगों को दंडित करेंगे. सेना और पुलिस दोनों को गोलीबारी में शामिल न होने के लिए कहा गया है.’
बांग्लादेश में अशांति के बीच भीड़ ने ढाका में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की एक प्रतिमा को भी तोड़ दिया.
राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए हजारों प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को योजनाबद्ध तरीके से ‘ढाका तक लॉन्ग मार्च’ के लिए सड़कों पर उतरे. ढाका में लोगों ने बख्तरबंद वाहनों और भारी हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मियों के सामने मार्च किया.
हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने हसीना के सरकारी आवास ‘गणभवन’ पर धावा बोला, मुट्ठियां बांधकर नारे लगाए और विक्ट्री साइन दिखाए. कुछ लोग देश की सबसे सुरक्षित इमारतों में से एक से टीवी, कुर्सियां और मेज उठाकर ले गए.
बांग्लादेश में अशांति के बीच सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने 4,096 किलोमीटर लंबी ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है. बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर जाने वाली रेल सेवाएं, यात्री और मालवाहक दोनों सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं.
कार्यवाहक बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी सीमा सुरक्षा का आकलन करने के लिए कोलकाता पहुंचे हैं.
BSF की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक रवि गांधी, पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक और दक्षिण बंगाल के महानिरीक्षक मनिंदर प्रताप सिंह के साथ सोमवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले और सुंदरबन क्षेत्र में भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा किया. इस दौरे का उद्देश्य इन महत्वपूर्ण सीमा क्षेत्रों में बीएसएफ की परिचालन तैयारियों और रणनीतिक तैनाती की समीक्षा करना था.
सूत्रों का कहना है कि अगले 48 घंटों में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कई समर्थक त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में घुसपैठ कर सकते हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार, इससे पहले दिन में सेना प्रमुख ने सत्तारूढ़ अवामी लीग और विपक्षी बीएनपी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत की थी.
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इस बीच एयर इंडिया ने एक ट्वीट में कहा, ‘बांग्लादेश में उभरती स्थिति को देखते हुए हमने ढाका से आने-जाने वाली अपनी उड़ानों का निर्धारित संचालन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है.’
बयान में कहा गया, ‘हम लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं और ढाका से आने-जाने के लिए कन्फर्म बुकिंग वाले अपने यात्रियों को सहायता प्रदान कर रहे हैं. साथ ही रिशेड्यूल और कैंसिलेशन चार्ज पर एक बार की छूट भी दे रहे हैं. हमारे मेहमानों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारे 24/7 संपर्क केंद्र पर 011-69329333 / 011-69329999 पर कॉल करें.’
भारतीय रेलवे ने बांग्लादेश में चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को पड़ोसी देश जाने वाली सभी ट्रेनों का परिचालन स्थगित कर दिया. प्रभावित ट्रेनों में कोलकाता-ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस (13109/13110), कोलकाता-ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस (13107/13108), कोलकाता-खुलना-कोलकाता बंधन एक्सप्रेस और ढाका-न्यू जलपाईगुड़ी-ढाका मिताली एक्सप्रेस शामिल हैं.
बांग्लादेश में विवादास्पद कोटा सिस्टम को लेकर उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं. रविवार को हुई हिंसक झड़प में कम से कम 98 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 14 पुलिस अधिकारी शामिल थे. यह अशांति का सबसे घातक दिन था. इस दिन की हिंसा के कारण जुलाई की शुरुआत में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से मरने वाले लोगों की कुल संख्या कम से कम 300 हो गई.
छात्र 1971 में खूनी गृहयुद्ध में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. ढाका के अधिकारियों के अनुसार, 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों और उनके समर्थकों द्वारा किए गए नरसंहार में 30 लाख लोग मारे गए थे.
हालांकि बीते 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण को घटाकर 5 प्रतिशत करने के बाद छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन रोक दिया था, लेकिन प्रदर्शन फिर से तब भड़क गया जब छात्रों ने कहा कि सरकार ने उनके सभी नेताओं को रिहा करने के उनके आह्वान किया. प्रदर्शनकारी पिछले सप्ताह फिर से वापस आए और हिंसा के लिए शेख हसीना से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और पद से इस्तीफा देने, इंटरनेट कनेक्शन बहाल करने, कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों को फिर से खोलने और गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग कर रहे थे.
नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ पिछले महीने शुरू हुआ छात्रों का विरोध प्रधानमंत्री शेख हसीना के 15 साल के शासन के सबसे खराब प्रदर्शनों में बदल गया, जिसके बाद 76 वर्षीय प्रधानमंत्री शेख हसीना से पद छोड़ने की मांग व्यापक स्तर पर उठने लगी थीं.
-भारत एक्सप्रेस
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