मानव शरीर के अंगों से मिलते जुलते चुनाव चिन्हों को हटाने, फ्रीज करने और रद्द करने की मांग वाली जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. सीजेआई ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इरादा सिर्फ ‘हाथ’ चिन्ह को रोकने का लगता है.
याचिका में चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया था कि उसने भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए मानव शरीर के अंगों से मिलते जुलते या समान प्रतीकों के खिलाफ कई शिकायतें कीं, लेकिन चुनाव आयोग ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है.
याचिकाकर्ता का दावा था कि आदर्श आचार संहिता में स्पष्ट रूप से मतदान के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद करने का उल्लेख है और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 130, मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर चुनाव चिन्ह के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाती है. ऐसे में मानव शरीर के अंगों को छिपाया नहीं जा सकता है और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.
यह भी पढ़ें- 77 जातियों को OBC में शामिल करने का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से किया इनकार
बता दें कि इससे पहले भी चुनाव आयोग के चुनाव चिन्ह आवंटन के अधिकार के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अदालत का समय बर्बाद करने के लिए याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाता है. कोर्ट ने कहा कि आपने इस तरह की भ्रामक याचिका डालकर हमारा समय बर्बाद किया है. इस तरह की याचिका का कोई मतलब नहीं है.
-भारत एक्सप्रेस
देश के विभिन्न राज्यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…
एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…
दिल्ली में Aam Aadmi Party की सरकार शासन और नौकरशाही पर नियंत्रण से जुड़े कई…
डॉ. राजेश्वर सिंह ने देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने तथा 2047…
AMU छात्र नेता सलमान गौरी ने कहा, जिन बच्चों का सस्पेंशन किया है उन्हें बहाल…
Gautam Adani Indictment In US: दिल्ली में नामचीन क्रिमिनल लॉयर एडवोकेट विजय अग्रवाल ने उद्योगपति…