Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में 12 अगस्त को भी सुनवाई जारी रहेगी. जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच मामले में सुनवाई कर रही है. मामले की सुनवाई के दौरान सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस मामले में जांच एजेंसी ट्रायल में देरी कर रही है.
सिंघवी ने कहा कि मामले को लंबा खींचने की कोशिश हो रही है. मामले में अभी तक निचली अदालत में ट्रायल शुरू भी नही हो पाया है. सिंघवी ने यह भी कहा कि मेरे 90 प्रतिशत आवेदन स्वीकार कर लिए गए. क्या दस्तावेज मांगकर मैं सुनवाई में देरी कर रहा हूं? दरअसल देरी इसलिए हुई क्योंकि मुझे शुरू में दस्तावेज नहीं दिए गए. सिंघवी ने ईडी द्वारा हाल ही में दाखिल जवाबी हलफनामे का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि ईडी का कहना है कि अपराध की आय और विभिन्न व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे की कार्रवाई अभी भी जारी है. सिंघवी ने कहा कि उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में 162 गवाहों का हवाला दिया है और 25 हजार पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए और इस साल जुलाई में 40 लोगों को आरोपी बनाया गया.
वहीं सीबीआई ने 294 गवाहों का हवाला दिया और 31 हजार पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए. सिंघवी ने कहा कि एजेंसी ने दस्तावेजों को अप्रमाणिक दस्तावेजों में डालकर छुपाया भी है. सिंघवी ने कोर्ट से आग्रह किया कि जब तक उनकी जमानत पर कोर्ट फैसला नहीं करती हैं तब तक के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी जाए. क्योंकि मनीष सिसोदिया की पत्नी अस्वस्थ्य हैं.
वहीं एजेंसी की ओर से पेश ASG एसवी राजू ने कहा कि सिसोदिया की ईडी के मामले में दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. इन्हें ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए. राजू ने कहा कि इन लोगों का मकसद एक्साइज टैक्स के जरिये पैसे कमाना था. राजू ने कोर्ट को यह भी बताया कि गोवा चुनाव के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. हमने 45 करोड़ रुपये का पता लगा लिया है.
ईडी ने कहा कि हमारे पास डिजिटल सबूत मौजूद हैं. ईडी ने कहा कि हमने यह भी पाया की पहले मार्जिन पांच प्रतिशत ही था. इसे बढ़ा कर 12 प्रतिशत कर दिया गया जबकि ऐसा करने के लिए बैठकें होनी चाहिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ, सब कुछ बिना विचार- विमर्श के सिसोदिया की टेबल पर ही कर लिया जाता था. ईडी ने कहा कि इसके अलावा मेरे पास इस पॉलिसी में गहरे साजिश को दर्शाने वाले दस्तावेज भी हैं. हमने किसी निर्दोष व्यक्ति को नहीं पकड़ा है. सिसोदिया के पास 18 विभाग थे. अब उनके वकील कहते है कि उनकी पत्नी बीमार हैं.
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मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस केवी विश्वनाथन ने पूछा कि इस मामले में न्यूनतम सजा कितनी है. ईडी की ओर से पेश ASG ने कहा कि तीन साल है लेकिन कुछ प्रावधानों में पांच साल की सजा का प्रावधान है. ईडी ने कहा कि यह सैकड़ों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. एएसजी राजू ने कहा कि आरोपी प्रभावशाली हैं वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. अगर पीएमएलए की धारा 45 भी लागू होती है तो यह जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है.
-भारत एक्सप्रेस
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