Bharat Express Urja Summit: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क का ऊर्जा समिट का बुधवार बुधवार (7 अगस्त) शाम 4 बजे शानदार आगाज हुआ. इस आयोजन में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस समेत ऊर्जा विभाग के प्रमुख नौकरशाहों, उद्योग विशेषज्ञों समेत कई अन्य क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियां शिरकत कर रही हैं. समिट में सबसे पहले महाराष्ट्र विद्युत मंडल के निदेशक विश्वास पाठक ने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने राज्य को कार्बन मुक्त बनाने के विषय पर कहा- ‘महाराष्ट्र 2070 तक कार्बन मुक्त हो जाएगा’.
भारत एक्सप्रेस के सीनियर एंकर प्रवीण तिवारी ने सवाल किया कि महाराष्ट्र में ऊर्जा वाली परियोजनाओं में कितनी चुनौतियां हैं, किस तरीके से ऊर्जा का समायोजन किया जा रहा है, किस तरीके से रिन्यूएबल एनर्जी के मामले हम लोग आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं? हम देख रहे हैं कि रिन्यूएबल एनर्जी का सबसे ज्यादा उत्पादन महाराष्ट्र में होता है और रिन्यूएबल एनर्जी में भी मेरी जहां तक जानकारी है, 10% तक का टारगेट पूरा किया गया, यह भी एक बहुत बड़ी चीज है क्योंकि देश में कोई राज्य ऐसा नहीं कर पाया.
महाराष्ट्र विद्युत मंडल के निदेशक विश्वास पाठक ने जवाब में कहा, “महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जो तीन करोड़ कंज्यूमर्स को सेवाए देता है, यह संभवत देश का सबसे बड़ा यूटिलिटी डिस्कॉम है. और करोड़ों कंज्यूमर को सर्विस देना आसान काम नहीं, चैलेंजिंग काम है.” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो बिजली की आवश्यकता है, वो 45000 मेगावाट तक जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी ने जो लक्ष्य रखा है, उसे हासिल करने के लिए महाराष्ट्र को 1 ट्रिलियन का लक्ष्य हासिल करना जरूरी है. 1 ट्रिलियन के लिहाज से 30000 मेगावाट से 45000 मेगावाट तक रिक्वायरमेंट जाएगी. उसके लिए महाराष्ट्र में जो हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर है उसको और मजबूत अपग्रेड करना जरूरी है. इसलिए केंद्र सरकार की आरडीएसएस नामक स्कीम है उसके तहत करीब 42 हजार करोड़ की लागत होने जा रही है. यह काम केवल थर्मल पावर से नहीं चलेगा, अल्टरनेटिव सोर्स से भी करना पड़ेगा. इसलिए हमने विंड सोलर पंप स्टोरेज ग्रीन हाइड्रोजन ऐसी तमाम जो अल्टरनेट सोर्सेस है, सभी का हम उपयोग करेंगे.
भारत एक्सप्रेस के एनर्जी का सोर्स रहे कोयले की निर्भरता से जुड़े इस सवाल पर कि अभी कोल (कोयले) पर हमारी डिपेंडेंसी बहुत ज्यादा है. कोल स्टोरेज को लेकर पूरी दुनिया में चिंता है. हमारी चिंता इसलिए ज्यादा है क्योंकि हम सबसे बड़े उपभोक्ता हैं और एक आश्चर्यजनक तथ्य यह भी है कि सबसे बड़े इंपोर्टर भी हम हैं. इस सबके बावजूद हमारे सामने सबसे बड़ा सवाल आता है कि डिस्कॉम यानी कि आप किस तरीके से डिस्ट्रीब्यूशन को आगे बढ़ाएंगे, रिन्यूएबल एनर्जी या न्यू एनर्जी…डिस्ट्रीब्यूटर इंफ्रास्ट्रक्चर को क्या डेवलप करना शुरू कर दिया है, क्या इसके लिए ही आरडीएसएस स्कीम का नाम दिया गया है?
विश्वास पाठक ने कहा, ‘पीएम मोदी ने जब 2014 में पदभार संभाला था, उस समय हमारी इकोनॉमी 2 ट्रिलियन की थी आज लगभग 4 ट्रिलियन हो गई है और आने वाले दिनों में 5 ट्रिलियन की होने वाली है. मैं आपको यह आकड़े इसलिए दे रहा हूं कि 2014 में हमारा जो बजट का साइज था वो लगभग 16 लाख करोड़ का था, और आज 48 लाख करोड़ का हो गया है अब ये जो इकोनॉमिक डेवलपमेंट होती है उसके लिए ऊर्जा यानी एनर्जी बहुत जरूरी है. इसलिए केंद्र सरकार ने आरडीएसएस नाम की जो स्कीम लाई है उसके तहत 3 से 4 लाख करोड़ की लागत आएगी. उसमें से 42000 करोड़ महाराष्ट्र में हो रही है और उसके काम चालू हो गए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘एनर्जी का हम ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर रहे हैं. रिन्यूएबल एनर्जी एक ऐसी चीज है इसमें लगातार इनोवेशन होते रहता है. हमारे जो पैनल होते हैं उसमें रिसर्च हो रहा है, जहां पर सोलर की ज्यादा से ज्यादा अवेलेबिलिटी है. देश की जो इंटरनेशनल ट्रीटी हुई है उसके तहत 2070 तक हमें कार्बन न्यूट्रल होना है. कार्बन न्यूट्रल होने के लिए, ये जरूरी है कि कोल यूज न हो. जितना कोयला हमारे पास है उसका पूरा उपयोग करके 2070 तक हम पूरी तरह से कार्बन मुक्त ऐसे हो जाएंगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘महाराष्ट्र का पावर सेक्टर तेजी के साथ काम कर रहा है. यह देश में बिजली उत्पादन के मामले में अग्रणी राज्य है. इसके साथ ही हमारे यहां सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में भी काफी रिसर्च हो रहा है.’
उन्होंने कृषि क्षेत्र में बिजली मुहैया कराए जाने के सवाल पर कहा कि हमारे यहां कुल बिजली उत्पादन का 30% केवल किसानों के लिए चाहिए. हमारे किसानों को सरकार सब्सिडी पर बिजली दे रही है. अन्य उपभोक्ताओं को भी कम कीमत पर बिजली देने का प्रयास हो रहा है. सरकार उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर काम कर रही है.
महाराष्ट्र में कोयले की प्रचुर मात्रा में मौजूदगी पर बोलते हुए विश्वास पाठक ने कहा कि हमारे यहां कोयला भी भरपूर मात्रा में मौजूद है. उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बिजली उत्पादन के क्षेत्र में बहुत काम किया है.
विश्वास पाठक ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने एक बहुत ही इनोवेटिव मॉडल खोजा है. मॉडल ऐसा है कि किसान को बिजली दिन में चाहिए. सोलर के माध्यम से उनको बिजली दे रहे हैं, रिलायबल पावर दे रहे हैं. 16000 मेगावाट की उनकी रिक्वायरमेंट है, उसमें से 9000 मेगावाट का जुगाड़ कर लिया गया है. अगले एक साल में वह बिजली आना शुरू हो जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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