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BUDGET 2023: किसानों को इस नीति से जोड़ते ही 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी भारतीय अर्थव्यवस्था

BUDGET 2023: भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलयन डॉलर तक पहुंचने में महज कुछ ही कदम दूर है. लेकिन, इसके लिए नीतिगत ढंग से पिछड़े (सीमांत) किसानों को मेन-स्ट्रीम से जोड़ने की जरूरत है. लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग (लीफ) के एक उच्च अधिकारी का कहना है कि अगर लाखों सीमांत किसानों का जीवन बेहतर है और उनके जीवन स्तर में सुधार होता है, तो एक राष्ट्र के रूप में भारत निकट भविष्य में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की ओर आसानी से बढ़ जाएगा. लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग (एलईएएफ) के संस्थापक और सीईओ पलट विजयराघवन ने बताया, “1 फरवरी को पेश किए जाने वाले वित्तवर्ष 24 के केंद्रीय बजट अपनी उम्मीदों पर तभी खरा उतरेगा, जब सभी चर्चाओं के केंद्र में किसान को रखा जाए, क्योंकि वे महत्वपूर्ण हितधारक हैं. किसान हमेशा बाजार में विभिन्न और लगातार बदलावों से भ्रमित रहते हैं कि उनकी फसल का मूल्य क्या होगा. हमें उनके लिए पारदर्शिता लाने की जरूरत है, ताकि किसान अपनी आजीविका की योजना बना सकें.”

विजय राघवन बोले भारतीय कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण चौराहे पर है

विजयराघवन ने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण चौराहे पर है और कृषि में निजी क्षेत्र की भागीदारी का विस्फोट हुआ है. विजयराघवन ने कहा, “कृषि क्षेत्र में कई बिचौलिये पूरी तरह से इस क्षेत्र पर निर्भर हैं और हमें स्पष्टता लाने की आवश्यकता है कि कैसे हम उनके भ्रम को दूर कर सकते हैं और कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में सभी हितधारकों को सशक्त बना सकते हैं. किसी को भी अपनी आजीविका नहीं खोनी चाहिए और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे संबोधित किया गया है.”उन्होंने कहा कि बहुत सारे योगदान हैं जो संगठित क्षेत्र किसानों के लाभ और क्षेत्र के उत्थान के लिए कर सकते हैं. संगठित क्षेत्र में अपार ज्ञान का आधार और क्षमताएं हैं.

उन्होंने कहा, “हालांकि ये क्षमताएं, जो परिवर्तनकारी हो सकती हैं, पर्याप्त रूप से किसानों तक नहीं पहुंच रही हैं. हमें किसानों और उपभोक्ताओं के लाभ के लिए इस अंतर को व्यापक रूप से दूर करना चाहिए.” विजयराघवन ने कहा कि बाजार में संगठित क्षेत्र के खिलाड़ियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी पारिस्थितिकी तंत्र में खो न जाए और यह किसानों में विश्वास जगाने के लिए तत्काल आधार पर किया जाना चाहिए. दूसरा पहलू जिसे सक्षम करने की आवश्यकता है वह प्रौद्योगिकी का है.

विजयराघवन ने कहा, “किसानों को संभालने और संगठित और लागत प्रभावी वित्तीय सहायता के कुशल उपयोग के लिए, हमें वैज्ञानिक डेटा-संचालित दृष्टिकोण के साथ किसानों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे फसल सुरक्षा और फसल की सही मात्रा का ही उपयोग करें. पोषण उत्पादों, और यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि फसल रासायनिक संवर्धन के बिना उपभोग के लिए सुरक्षित है.”

केयर रेटिंग सर्वेक्षण के अनुसार, कृषि क्षेत्र की बजट अपेक्षाओं में शामिल हैं:

-यूरिया के साथ-साथ गैर-यूरिया उर्वरकों के लिए 2,00,000 करोड़ रुपये से अधिक के स्तर पर सब्सिडी का अधिक आवंटन.

-आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में उर्वरक संयंत्र स्थापित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन.

-घरेलू उर्वरक निमार्ताओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए अमोनिया और फॉस्फोरिक एसिड के आयात पर शुल्क में कमी.

-जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन मार्चिग.

-आईएएनएस

Satwik Sharma

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