EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का नया सर्कुलर कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. अगर आपका नाम EPFO के उन पेंशनर्स की लिस्ट में शामिल है, जो उसके द्वारा निर्धारित सीमा और नियम के अनुसार ज्यादा पेंशन पा रहे हैं तो ईपीएफओ इसे लेकर कड़ा कदम उठाने जा रहा है. बताया जा रहा है कि ईपीएफओ द्वारा ऐसे मेंबर्स की ज्यादा पेंशन की समीक्षा की जा रही है जो 1 सितंबर 2014 से पहले रिटायर हुए हैं.
EPFO के मुताबिक, कई मेंबर्स ऐसे हैं जिन्होंने अधिक पेंशन दिए जाने के विकल्प का चुनाव नहीं किया है, उसके बाद भी उन्हें बढ़ाकर पेंशन मिल रही है. इसलिए अब EPFO इन ज्यादा पेंशन पाने वाले मेंबर्स की मौजूदा पेंशन में कटौती कर सकता है. वहीं इनसे ज्यादा पेंशन की रकम रिकवरी भी की जाएगी. जिससे विभाग द्वारा इनको दी गई ज्यादा रकम की वसूली की जा सके.
इसके लिए पहले विभाग उन मेंबर्स को नोटिस भेजेगा ताकि उन्हें अपनी बात रखने का मौका मिल सके. वहीं इन कर्मचारियों के मौजूदा पेंशन को घटाने के लिए भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन पहले पेंशनर्स को नोटिस जारी करेगा.
नहीं मिलेगी 2023 से ज्यादा पेंशन
25 जनवरी को जारी अपने एक सर्कुलर में ईपीएफओ ने यह कहा है कि ऐसे रिटायर्ड कर्मचारियों के मामलों की समीक्षा की जाएगी, जिन्होंने 1 सितंबर 2014 से पहले ज्यादा पेंशन का चुनाव नहीं किया था. इसके अलावा उन मामलों की जांच भी की जाएगी, जिन्हें ज्यादा पेंशन दी जा रही है.
वही कर्मचारियों के पेंशन की समीक्षा के बाद उन्हें जनवरी 2023 से ज्यादा पेंशन मिलनी बंद हो जाएगी. ऐसे मामलों में पेंशन की फिर से समीक्षा की जाएगी और उसके अनुसार ही आगे की पेंशन दी जाएगी. EPFO ने बताया कि इस पर 5,000 रुपये या 6,500 की लिमिट होगी.
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हर महीने है इतनी लिमिट
ईपीएफओ की नए दिशा निर्देशों के मुताबिक कर्मचारियों को अब अपनी बेसिक सैलरी के 8.33 प्रतिशत के बराबर का पैसा EPS में अनिवार्य रुप से जमा कराना होगा. EPFO के मुताबिक इसकी अधिकतम सीमा हर महीने 15,000 होगी.
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