देश

UP Politics: यूपी में 15 सितम्बर को राज्यसभा की खाली सीट पर उपचुनाव, हरद्वार दुबे के न‍िधन के बाद हुई थी र‍िक्‍त

UP Politics: उत्तर प्रदेश में मंगलवार को चुनाव आयोग ने राज्यसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव को लेकर तारीख घोषित कर दी है. यह चुनाव 15 सितंबर को होगा. एक मौजूदा सदस्य के निधन के बाद सीट खाली हुई थी. 29 अगस्त से इस सीट पर नामांकन शुरू होगा.

मालूम हो क‍ि हरद्वार दुबे (राज्यसभा सदस्‍य भाजपा) का 26 जून को निधन हो गया था और इसी के बाद से ये सीट खाली थी. एक राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल नवंबर, 2026 में समाप्त होना था, लेकिन अचानक हुए उनके निधन के बाद से ही ये सीट खाली थी और अब इस सीट पर 15 सितम्बर को उपचुनाव होना तय किया गया है. स्थापित प्रथा के अनुसार, मतगणना 15 सितंबर को शाम 4 बजे मतदान समाप्त होने के एक घंटे बाद होगी. बता दें कि हरद्वार दुबे के भाई गामा दुबे भी बीजेपी में वरिष्ठ नेता हैं. तो वहीं हरद्वार दुबे के परिवार में पुत्र प्रांशु दुबे, पुत्रवधू उर्वशी, पुत्री डा. कृत्या दुबे, दामाद डा. शिवम और पौत्र दिव्यांश, पौत्री दिव्यांशी हैं. उनका भरा पूरा परिवार हमेशा ही उनको याद करता रहता है तो वहीं राजनीति में भी उनके अच्छे व्यवहार और जरुरतमंदों की मदद के लिए उनको याद किया जाता है. बता दें कि हरद्वार दुबे 26 नवम्बर 2020 में राज्यसभा सदस्य बने थे.

ये भी पढ़ें- UP Politics: “सपा अब भाजपा का सफाया करके ही लेगी दम…साजिश नहीं होने देगी कामयाब”, अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश

राजनीति में काफी लम्बे वक्त से सक्रिय थे हरद्वार दुबे

हरद्वार दुबे लम्बे वक्त से राजनीति में सक्रिय थे. वह मूल रूप से बलिया के निवासी थे और आगरा की राजनीति में लम्बे वक्त से सक्रिय रहे. वह वर्ष 1969 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बनने के बाद आगरा आए थे और तभी से यहां की राजनीति के होकर रह गए थे. इसी के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार राजनीति में आगे बढ़ते चले गए. 1983 में वे महानगर इकाई के मंत्री बने और फिर महानगर अध्यक्ष.

1989 में छावनी से पहली बार चुनाव लड़े और जीते हासिल की. इसके बाद 1991 में चुनाव लड़े और जनता को उनका प्यार मिला और फिर से उन्होंने जीत हासिल की. उस वक्त उन्हें संस्थागत वित्त राज्यमंत्री बनाया गया था. फिर खेरागढ़ विधानसभा से 2005 में वह उपचुनाव लड़े लेकिन यहां पर उनको हार का सामना करना पड़ा. फिर वर्ष 2011 में प्रदेश प्रवक्ता और 2013 में वह प्रदेश उपाध्यक्ष रहे.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

Recent Posts

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ झारखंड के कोर्ट में शिकायत दर्ज

शिकायतकर्ता शिवपूजन मेहता ने कहा कि सार्वजनिक मंच पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और…

20 mins ago

बाज नहीं आ रहे जस्टिन ट्रूडो! अब Canada ने भारत को इस लिस्ट में डाला, लगाए ये गंभीर आरोप

कनाडा के साथ भारत के रिश्ते पिछले एक साल से काफी खराब स्थिति में पहुंच…

28 mins ago

Maharashtra: इस आपत्तिजनक टिप्पणी पर Shaina NC ने शिवसेना (यूबीटी) नेता Arvind Sawant पर दर्ज कराया केस

शाइना एनसी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर उसकी सहयोगी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व…

48 mins ago

2019 से 24 के बीच हेमंत सोरेन की उम्र कैसे बढ़ गई सात साल, बीजेपी ने खड़े किए सवाल

शपथ पत्र में हेमंत सोरेन की ओर से पेश किए गए संपत्ति के ब्यौरे को…

1 hour ago