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प्रयागराज महाकुंभ में आगरा के दंपति ने किया बेटी का कन्यादान, साध्वी बनकर निभाएगी धर्म सेवा

प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू होते ही देशभर से श्रद्धालु संगम में पुण्य अर्जित करने के लिए पहुंचने लगे हैं वहीं एक दंपत्ति ने अपनी बेटी का दान कर दिया है.

Mahakumbh 2025

प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू होते ही देशभर से श्रद्धालु संगम में पुण्य अर्जित करने के लिए पहुंचने लगे हैं. ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण आगरा के एक दंपति ने पेश किया है, जिन्होंने अपनी बेटी का कन्यादान कर सनातन धर्म की सेवा के प्रति नई मिसाल कायम की है.

आगरा के दंपति ने पेश की अनोखी मिसाल

आगरा के थाना बमरौली कटारा क्षेत्र में रहने वाले संदीप सिंह धाकरे, जिनकी फतेहाबाद रोड पर ढौकी थाने के पास पेठे की दुकान है, उन्होंने अपनी बड़ी बेटी राखी का जूना अखाड़े में कन्यादान कर सनातन धर्म के प्रति अपनी गहरी आस्था व्यक्त की. संदीप की पत्नी रीमा एक गृहणी हैं. उनकी दो बेटियां हैं—13 वर्षीय राखी और छोटी बेटी निक्की. राखी स्प्रिंग फील्ड इंटर कॉलेज में नौवीं कक्षा की छात्रा है.

रीमा ने बताया कि चार वर्षों से वे गुरु कौशल गिरि महाराज की सेवा से जुड़े हुए हैं. इसी भक्ति भाव के कारण महाकुंभ में सेवा के लिए पहुंचने का विचार किया.

जूना अखाड़े को बेटी का कन्यादान

रीमा ने बताया कि महाकुंभ में आने के बाद उनकी बड़ी बेटी राखी ने साध्वी बनने की इच्छा जाहिर की. उनकी इस इच्छा को पूरा करते हुए संदीप और रीमा ने जूना अखाड़े के संत कौशल गिरि महाराज के माध्यम से बेटी का शिविर प्रवेश कराया. सोमवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गंगा स्नान के बाद बेटी राखी को विधिवत जूना अखाड़े को दान कर दिया गया. अब राखी का नया नाम ‘गौरी’ रखा गया है.

धार्मिक विधियों के बाद परिवार से होगी अलग

जूना अखाड़े के संत कौशल गिरि महाराज ने बताया कि 19 जनवरी को गौरी का पिंडदान और सभी धार्मिक संस्कार पूरे किए जाएंगे. इसके बाद वह अखाड़े के गुरु परिवार का हिस्सा बन जाएगी और मूल परिवार से उसका संबंध समाप्त हो जाएगा.

दादा और प्रधानाचार्य ने जताई खुशी

राखी के दादा रौतान सिंह ने इस निर्णय पर खुशी जताते हुए कहा कि उनकी पौत्री ने कुल का नाम रोशन कर दिया है. वहीं, स्प्रिंग फील्ड स्कूल के प्रधानाचार्य सीपी शर्मा ने बताया कि राखी पढ़ाई में हमेशा अव्वल रही है. पढ़ाई के साथ-साथ वह पूजा-पाठ में भी विशेष रुचि रखती थी. नवरात्रि के दौरान वह घर से स्कूल तक नंगे पैर जाया करती थी. आध्यात्मिक विषयों में रुचि रखने वाली राखी अन्य छात्रों से अलग थी. इस अद्भुत घटना ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं के बीच एक नई प्रेरणा का संचार किया है.

-भारत एक्सप्रेस



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