देश

Chhattisgarh Politics: नंद कुमार साय ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ, अब लोकसभा चुनाव में आदिवासी वोटर्स को कैसे साधेगी Congress?

Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. हार के झटके से अभी कांग्रेस उबर भी नहीं पाई थी कि उसे एक और शॉक लग गया है. दिग्गज आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. नंद कुमार साय के जाने से कांग्रेस को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है. नंद कुमार साय ने इसी साल बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए थे.

नंद कुमार साय ने छोड़ा कांग्रेस का साथ

आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने बीजेपी छोड़ने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया था. अब अचानक से कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में इससे कांग्रेस पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है.

आदिवासी समाज के बड़े नेता हैं साय

बता दें कि नंद कुमार साय सरगुजा के आदिवासी क्षेत्र से आते हैं और आदिवासी समाज के बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं. साय सांसद और विधायक रह चुके हैं. नंद कुमार साय राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं. इसी साल जब उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था तो उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. नंद कुमार साय ने कुनकुरी विधानसभा सीट से टिकट की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उन्हें वहां से टिकट नहीं दिया था. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है.

सरगुजा की सभी 14 सीटों पर BJP को मिली जीत

सरगुजा इलाका आदिवासी बहुल क्षेत्र है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में यहां की सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज की है. इससे पहले जब साल 2018 में चुनाव हुए थे तो कांग्रेस ने सभी सीटों पर जीत हासिल की थी, सरगुजा में 6 जिले हैं. जिसमें भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, रामानुगंज, सामरी, लुंड्रा, अंबिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी और पत्थलगांव विधानसभा की सीटें शामिल हैं. यहां से विधायक रहे पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव भी अंबिकापुर से इस बार चुनाव हार गए.

यह भी पढ़ें- अंग्रेजों के काले कानूनों का नए भारत में सफाया! जानें क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा के दौरान किन-किन मुद्दों पर बोले गृहमंत्री शाह

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को होगा नुकसान

नंद कुमार साय के कांग्रेस पार्टी में रहने से लोकसभा चुनाव में काफी मदद मिल सकती थी. नंद कुमार साय के रूप में कांग्रेस के पास आदिवासी समाज का एक बड़ा नेता था. जिसके जरिए आदिवासी वोटर्स को अपने लाने में कांग्रेस को फायदा मिलता. वहीं बीजेपी ने आदिवासी वोटर्स को ध्यान में रखते हुए विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ की कमान सौंपी है. वहीं अब अगर नंद कुमार बीजेपी के साथ चले जाते हैं तो कांग्रेस का जो बचा हुआ वोटर्स है वो भी बीजेपी के पाले में जा सकता है.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Kumar Verma

Recent Posts

पुतिन के बाद इटली की PM जॉर्जिया मेलोनी ने कहा, रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझा सकता है भारत

अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर अक्सर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करने वाली इटली की पीएम…

7 hours ago

अब 2000 रुपये तक के पेमेंट पर देना पड़ सकता है 18% GST, 9 सितंबर को होगी जीएसटी काउंसिल की बैठक

GST News: देश में पेमेंट एग्रीगेटर्स अभी हर ट्रांजेक्शन पर 0.5% से 2% तक शुल्क…

8 hours ago

Paralympic Games 2024: पदकवीर प्रवीण कुमार और होकाटो सेमा को PM मोदी ने दी जीत की बधाई, फोन पर की हौसला-अफजाई

पेरिस में चल रहे पैरालंपिक खेलों में मेडल जीतने वाले ​भारतीय खिलाड़ियों प्रवीण कुमार और…

8 hours ago

Lucknow: ट्रांसपोर्ट नगर में हुए हादसे पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने जताया दुःख, अस्पताल में घायलों से मिले, मुहैया कराई आर्थिक मदद

उत्तर प्रदेश में भाजपा के लोकप्रिय नेता एवं सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने…

8 hours ago

हमें मौका मिलेगा तो जम्मू-कश्मीर में भी चलाएंगे ‘बुलडोजर’: कविंदर गुप्ता

जम्मू-कश्मीर में मतदान तीन चरणों में होंगे, पहले चरण के लिए मतदान 18 सितंबर, दूसरे…

8 hours ago

मिजोरम में एएसएफ का प्रकोप जारी, 33,000 हजार से अधिक सूअरों की मौत

मिजोरम में एएसएफ का पहला मामला मार्च 2021 के मध्य में बांग्लादेश की सीमा पर…

9 hours ago