Textile Exports: दुनिया का पसंदीदा टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग हब होने का तमगा अब चीन से छिन सकता है. कोरोना के कारण पैदा हुई दिक्कतों के बीच सैकड़ों कंपनियों के प्रमोटर भारतीय अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं. वो अपनी फैक्ट्रियों को चीन से हटा कर भारत में लगाना चाहते हैं. अगर सहमति बन जाती है तो चीन को बहुत बड़ा झटका लगेगा.
कोरोना वायरस महामारी की वजह से चीन में साल 2020 की शुरुआत से ही लॉकडाउन जैसी स्थिति लगातार बनी हुई है. इस वजह से वहां मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस कारण कंपनियों को काफी नुक्सान हो रहा है. जिसकी वजह से टेक्सटाइल इंडस्ट्री के साथ तमाम कंपनियां भारत में अपनी फैक्ट्रियों को शिफ्ट करना चाहती हैं.
दुनिया भर में टेक्सटाइल एक्सपोर्ट (Textile Exports) में भारत छठे नंबर पर है. साल 2021-22 में भारत ने 44.4 अरब अमेरिकी डॉलर का टेक्सटाइल एक्सपोर्ट किया है. जिसमें हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की संख्या अच्छी-खासी है. जिसमें लखनऊ की चिकनकारी, बनारस की साड़ी और मधुबनी आर्ट इत्यादि शामिल हैं.
देश की राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में सबसे ज्यादा टेक्सटाइल एक्सपोर्ट (Textile Exports) कंपनियां है. यूपी सरकार ने अपने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम में नोएडा को ‘सिटी ऑफ अपैरल’ का तमगा भी दिया है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गोरखपुर को भी टेक्सटाइल हब बनाने की कोशिश में जुटी है. हाल ही में गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के स्थापना दिवस के मौके पर सीएम योगी ने गारमेंट और टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए कई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया था.
फरवरी में यूपी सरकार ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2023 का आयोजन करने जा रही है. इस समिट के जरिए उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश कराने का लक्ष्य रखा गया है. इस टारगेट को पूरा करने के लिए सरकार के 16 मंत्री और दो दर्जन से ज्यादा अधिकारियों ने विदेशों में जाकर यूपी की दमदार इमेज को प्रस्तुत करने का काम किया है.
सीएम योगी ने ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट को लेकर आज विदेश जाने वाले 16 मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में मंत्रियों और अधिकारियों ने बताया कि अब तक 150 विदेशी कंपनियों ने यूपी में निवेश के लिए रुचि दिखाई है. जिसमें कई बड़ी टेक्सटाइल एक्सपोर्ट कंपनियां भी शामिल हैं.
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ऐसे में अगर ये कंपनियां भारत में निवेश करती हैं और अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिटस् को स्थापित करती हैं, तो चीन से टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग हब होने का तमगा छिनना लगभग तय माना जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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