CJI Chandrachud: दिल्ली के कड़कड़डूमा, शास्त्री पार्क और रोहिणी में नई इमारतों की आधारशिला रखने के अवसर पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में एक ही दिन में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश और उससे पहले दो बार आई भीषण गर्मी का जिक्र किया.
उन्होंने कहा, “इस साल दिल्ली में सबसे ज्यादा गर्मी दर्ज की गई है. हमारे बुनियादी ढांचे में वह वास्तविकता झलकनी चाहिए जिसमें हम रहते हैं. जलवायु परिवर्तन को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. एक महत्वपूर्ण कदम यह है कि हम अपने दैनिक जीवन में ग्रीन लाइफस्टाइल (हरित जीवनशैली) को शामिल करें, जिसमें कार्बन उत्सर्जन को कम करना शामिल है.”
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि ग्रीन रेटेड इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट (जीआरआईएचए) नए न्यायालय भवन में पर्यावरणीय फुटप्रिंट को कम करेंगे. जीआरआईएचए एक रेटिंग टूल है जो लोगों को कुछ राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य पर्यावरणीय मानदंडों के आधार पर अपने भवन का आकलन करने में मदद करता है. नए न्यायालय परिसरों से न्यायालय की कार्यकुशलता बढ़ेगी, लंबित मुकदमों की संख्या में कमी आएगी और सभी हितधारकों को सम्मानजनक वातावरण मिलेगा.
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उन्होंने आगे कहा कि न्यायिक प्रणाली केवल संविधान की सेवा करती है. यह किसी और की नहीं बल्कि वादियों की सेवा करती है. मुझे उम्मीद है कि इस काम में शामिल नए सदस्य इसकी समृद्ध विरासत को अपनाएंगे और कार्यकुशलता बढ़ाने तथा न्याय को कायम रखने के लिए भविष्योन्मुखी (फ्यूचरिस्टिक) न्यायालयों का निर्माण करेंगे.”
दिल्ली सरकार ने मार्च में पेश किए गए अपने बजट में इन तीनों कोर्ट बिल्डिंग की योजना को शामिल किया था. कोर्ट की नई बिल्डिंग में कई तरह की सुविधा होगी. कोर्ट के तीनों बिल्डिंग में 500 से ज्यादा वकीलों के चैंबर और एक हजार से ज्यादा गाड़ियों के लिए पार्किंग की सुविधा होगी. कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मौजूद थी. इस दौरान सीजेआई चंद्रचुड़ ने स्टीफन हॉकिंग और कुतुब मीनार वाली कहानी भी सुनाई. इसी के साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यह आधारशिला समारोह दिल्ली के नागरिकों और अन्य लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो न्याय की तलाश में यहां आएंगे. मुझे उम्मीद है है कि यह परियोजना तय समय पर पूरी हो जाएगी, ताकि सभी वादियों को बहुत जरूरी सुविधाएं मिल सके.
सबसे बढ़कर हमें वादियों को ध्यान में रखना होगा और उनके हितों की सेवा करनी होगी. सीजेआई ने कहा कि हम अपने न्यायधीशों, वकीलों और वादियों की सुरक्षा, पहुच और समावेशी प्रणाली बनाते है. सीजेआई ने कहा कि 1993 में कड़कड़डूमा कोर्ट की स्थापना के बाद से, कई विस्तार परियोजनाएं और अतिरिक्त परिसरों का निर्माण कार्य को पूरा किया गया है. सीजेआई ने कहा कि न्यायालय कानूनी सिद्धांतो और विशिष्ट मामलों में उनके अनुप्रयोग पर गहन चर्चा और तर्क वितर्क करते है. सीजेआई ने कहा कि इन भवनों में छायादार के साथ इनके अंदर प्राकृतिक प्रकाश, अन्य पर्यावरण उपायों के बीच वर्षा जल सहित पानी के भंडारण की महत्वपूर्ण क्षमता होगी.
इस कार्यक्रम में शामिल दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा कि जैसे ही हम यहां आधारशिला रख रहे हैं. मुझे भारतीय संविधान की प्रस्तावना के शब्द याद आ रहे हैं. हम भारत के लोग भारत को एक संप्रभु, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने का गंभीरता से संकल्प लेते हैं. नए तीनों कानून पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सीजेआई ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट और देश के अलग-अलग हाई कोर्ट में लंबित है. इसलिए इस पर बोलना सही नही है.
आतिशी ने कहा कि हम आज न्याय का वादा पूरा कर रहे हैं. वही दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि हमारे जैसे विशाल लोकतंत्र में, कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए कानून और न्याय के शासन की आवश्यकता है. असमानता की खाई को पाटने के लिए न्यायिक प्रणाली को मजबूत करना और हमारे समाज के तेजी से बदलते स्वरूप में असमानता को कम करने के लिए सभी प्रयास करना अनिवार्य है.
-भारत एक्सप्रेस
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